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Sunday, 3 November, 2024
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जेएनयू हिंसा: छात्रों, शिक्षकों के साथ दिल्ली पुलिस की बैठक, मुंबई में भी विरोध शुरू

दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष राजीब रे ने बताया- पुलिस ने हमें आश्वासन दिया है कि वह मामले की जांच करेगी और हमारी मांगों पर गौर करेगी.

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नई दिल्ली: जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में हुई हिंसा के बाद दिल्ली पुलिस के जनसम्पर्क अधिकारी (पीआरओ) एमएस रंधावा ने छात्रों और शिक्षकों के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की.

जेएनयू परिसर में रविवार रात उस वक्त हिंसा भड़क गयी थी जब लाठियों से लैस कुछ नकाबपोश लोगों ने छात्रों तथा शिक्षकों पर हमला कर दिया था और परिसर में संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था जिसके बाद प्रशासन को पुलिस को बुलाना पड़ा था.

इस हमले में जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष सहित कम से कम 28 लोग घायल हुए हैं.

जेएनयू, जामिया और दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों और शिक्षकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने चार मांगों के साथ दिल्ली पुलिस के जनसम्पर्क अधिकारी को एक आवेदन सौंपा है. इसमें घायलों को चिकित्सीय मदद मुहैया कराना और हिंसा में शामिल लोगों की गिरफ्तारी की मांग शामिल है.

दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष राजीब रे ने कहा, ‘पुलिस ने हमें आश्वासन दिया है कि वह मामले की जांच करेगी और हमारी मांगों पर गौर करेगी.’

छात्रों ने पुलिस के जेएनयू परिसर से जाने की मांग भी की है.

इससे पहले पुलिस ने कहा था कि हिंसा के बाद अब जेएनयू में स्थिति शांतिपूर्ण है.

प्रत्यक्षदर्शियों ने आरोप लगाया है कि हमलावर जेएनयू परिसर में तब घुसे जब जेएनयू शिक्षक संघ परिसर में हिंसा और छात्रों तथा प्रोफेसरों पर हमलों के मुद्दे पर बैठक कर रहे थे.

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि वे तीन छात्रवासों में भी घुसे. कुछ टीवी चैनलों पर दिखाई जा रही फुटेज में पुरुषों का एक समूह हाथ में हॉकी और लोहे की छड़ें लिए एक इमारत के पास नजर आ रहा है.

वाम नियंत्रित जेएनयूएसयू और आरएसएस से संबद्ध एबीवीपी इस हिंसा के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.

इस बीच, मुम्बई में विभिन्न कॉलेजों के छात्र रविवार देर रात जेएनयू में हुई हिंसा के विरोध में ‘गेटवे ऑफ इंडिया’ पर एकत्र हुए.

जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद और कुणाल कामरा समूह का हिस्सा थे, जिन्होंने जेएनयू के छात्रों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए मोमबत्ती जलाईं.

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