नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (जेएनयूटीए) ने नकाबपोशों द्वारा छात्रों और अध्यापकों पर किए गए हमले के बाद सोमवार को उप-कुलपति एम जगदीश कुमार को हटाने की मांग की.
जेएनयू के शिक्षकों ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए रविवार को हुई हिंसा की जांच करने की मांग भी की.
जेएनयूटीए ने कहा, ‘उप-कुलपति को जाना होगा.’
प्राध्यापक सौगत भादुड़ी ने कहा कि प्राध्यापिका सुचरिता सेन सिर में गंभीर चोट लगने के कारण संवाददाता सम्मेलन में नहीं आ सकीं.
भादुड़ी ने कहा, ‘मैं और मेरे तीन सहकर्मी एक बस स्टैंड के पास खड़े थे. अचानक हमने नकाब लगाए पचास लोगों की भीड़ को देखा. पास आने के बाद उन्होंने पत्थर फेंकने शुरू कर दिए और हमें पीटना शुरू कर दिया. उन्होंने मुझे घेर लिया और मेरे हाथ पांव पर मारने लगे.’
उन्होंने कहा कि वह उनके सहकर्मी हमलावरों का निशाना नहीं थे लेकिन यह अविश्वसनीय था कि भीड़ ने उन्हें भी नहीं छोड़ा.
प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि हमलावर परिसर में तब घुसे जब जेएनयूटीए की एक बैठक हो रही थी. हमलावर तीन छात्रावासों में भी घुसे.
कुछ टीवी चैनलों द्वारा प्रसारित किए जा रहे वीडियो फुटेज में हॉकी और छड़ लहराते व्यक्तियों का एक समूह इमारत में घूमता दिख रहा है.
वामपंथी जेएनयू छात्र संघ और आरएसएस समर्थित एबीवीपी ने एक दूसरे पर घटना का आरोप लगाया है.
जेएनयूटीए के पूर्व अध्यक्ष सोनझरिया मिंज ने पूछा, ‘जब यह हमला हो रहा था तब हमारे सर्वोच्च अधिकारी हमारे कुलपति कहाँ थे? कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गयी?’
जेएनयूटीए के पूर्व सचिव विक्रमादित्य चौधरी ने आरोप लगाया कि उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन किसी ने उत्तर नहीं दिया.
उन्होंने कहा, ‘भीड़ ने मेरी पत्नी का पीछा किया और गलियां दीं. वह अपनी जान बचाने के लिए भागी. वह भीतर आई और कमरे का दरवाजा बंद कर लिया. उन्होंने (हमलावरों) आवासीय परिसर में सभी का दरवाजा खटखटाया.’
उन्होंने कहा कि एक विदेशी अध्यापक ने छात्र समझकर दरवाजा खोल दिया जिसके बाद भीड़ घर के भीतर घुसी और सब जगह तलाश किया.
चौधरी ने कहा, ‘हमें जेएनयू प्रशासन और सरकार द्वारा डराया जा रहा है. मैं ऐसे संस्थान का भाग होने पर शर्मिंदा हूं जिसका कुलपति ऐसा है.’