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Tuesday, 17 December, 2024
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J&K कठुआ गैंगरेप-हत्या के मामले में SC से बालिग घोषित आरोपी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल

संगरा के बालिग होने का पर्दाफाश तब हुआ जब जन्म प्रमाणपत्र के लिए गलत तरीके से दिए एक आवेदन से उसके नाबालिग होने के दावे की साजिश का खुलासा हुआ.

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जम्मू/नई दिल्लीः जम्मू कश्मीर पुलिस की अपराध शाखा ने 2018 में कठुआ में आठ साल की बच्ची के सामूहिक दुष्कर्म और हत्या से जुड़े एक मामले में शुभम संगरा के खिलाफ औपचारिक रूप से चार्जशीट दाखिल की है, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने बालिग घोषित किया था.

सुप्रीम कोर्ट के 2018 के आदेशानुसार, इस मुकदमे की सुनवाई पड़ोसी राज्य पंजाब के पठानकोट में शुरू होने की उम्मीद है. अपराध शाखा ने हत्या, दुष्कर्म, अपहरण और गलत तरीके से बंधक बनाने समेत विभिन्न आरोपों में एक चार्जशीट कठुआ में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष दाखिल की है.

चार्जशीट कठुआ में सत्र अदालत को सौंपी गई, जिसने इस मामले में अगली सुनवाई के लिए 24 जनवरी की तारीख तय की है.

सुप्रीम कोर्ट के 2018 के आदेश के मुताबिक, पठानकोट की सत्र अदालत मामले की सुनवाई करेगी और अपीलीय अदालत पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट होंगे.

सुप्रीम कोर्ट द्वारा 22 नवंबर को संगरा को बालिग घोषित किए जाने के बाद उसे बाल सुधार गृह से कठुआ जेल में ट्रांसफर किया गया.

अपराध शाखा की चार्जशीट में इस जघन्य अपराध में संगरा की कथित संलिप्तता के बारे में विस्तार से बताया गया है. इसमें कहा गया है कि संगरा ने आठ साल की बच्ची को जबरन अधिक मात्रा में नशीले पदार्थ दिए जिससे वह अपने साथ यौन शोषण और अपनी हत्या का विरोध करने की हालत में नहीं रही.

संगरा के बालिग होने का पर्दाफाश तब हुआ जब जन्म प्रमाणपत्र के लिए गलत तरीके से दिए एक आवेदन से उसके नाबालिग होने के दावे की साजिश का खुलासा हुआ.

पुलिस के अनुसार, जम्मू के हीरानगर में तहसीलदार कार्यालय में संगरा के पिता ने अपने तीन बच्चों के जन्म प्रमाणपत्र के लिए आवेदन दिया था. बड़े बेटे की डेट ऑफ बर्थ 23 नवंबर 1997, एक बेटी का जन्म 21 फरवरी 1998 और शुभग संगरा का जन्म 23 अक्टूबर 2002 का बताया गया था.

पुलिस ने कहा कि दो बड़े बच्चों की जन्म की तारीख में महज दो महीने और 28 दिन का अंतर था जो किसी भी तरीके से संभव नहीं है. इसके बाद इस पूरी साजिश का खुलासा हुआ.

जम्मू-कश्मीर अपराध शाखा द्वारा इस मामले में दाखिल चार्जशीट के अनुसार, बच्ची के अपहरण, गैंगरेप और हत्या में संगरा की अहम भूमिका रही. इस सनसनीखेज मामले ने देश को हिलाकर रख दिया था. इसमें संगरा समेत आठ लोगों को आरोपी बनाया गया.

इस मामले को सुप्रीम कोर्ट के सात मई 2018 के आदेश पर जम्मू-कश्मीर से बाहर पठानकोट ट्रांसफर किया गया.

विशेष अदालत ने 10 जून 2019 को मुख्य आरोपी सांजी राम समेत तीन लोगों को ‘अंतिम सांस तक’ उम्रकैद की सजा सुनाई. तीन अन्य आरोपियों- सब इंस्पेक्टर आनंद दत्ता, हेड कांस्टेबल तिलक राज और विशेष पुलिस अधिकारी सुरेंद्र वर्मा को अपराध को छिपाने के लिए सबूत नष्ट करने का दोषी पाया गया और उन्हें पांच साल की जेल की सजा सुनाई गई. वे अभी पैरोल पर बाहर हैं. सातवें आरोपी एवं सांजी राम के बेटे विशाल जंगोत्रा को बरी कर दिया गया था.

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.


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