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Saturday, 15 June, 2024
होमदेशमोदी की विपक्ष पर 'रेवड़ी कल्चर' की चुटकी, BJP ने राज्य इकाइयों को चेताया- ‘फ्री के वादों से दूर रहें’

मोदी की विपक्ष पर ‘रेवड़ी कल्चर’ की चुटकी, BJP ने राज्य इकाइयों को चेताया- ‘फ्री के वादों से दूर रहें’

अप्रैल में एक बैठक में शीर्ष प्रशासनिक अधिकारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मुफ्त सुविधाएं देने से राज्य के संसाधनों की होने वाली बर्बादी के बारे में चेतावनी दी थी.

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चुनावों से पहले वोट हासिल करने के लिए मुफ्त में सुविधाएं देने के लिए विपक्षी दलों पर निशाना साधने के कुछ दिनों बाद, भाजपा ने अपनी राज्य इकाइयों से चुनावी घोषणापत्र में ‘अल्पकालिक मुफ्त सुविधाएं’ देने की घोषणा करने से परहेज करने को कहा है. राज्य इकाइयों से कहा गया है कि मुफ्त सुविधाएं देने से राजकोष पर बोझ पड़ता है और इससे राज्यों के लिए वित्तीय संकट पैदा हो सकता है.

अप्रैल में एक बैठक में शीर्ष प्रशासनिक अधिकारियों ने कुछ राज्यों में श्रीलंका जैसे संकट के उभरने की संभावना का हवाला देते हुए, इस तरह की मुफ्त सुविधाएं देने से संसाधनों की होने वाली बर्बादी के बारे में पीएम को चेतावनी दी थी.

भाजपा के सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि पार्टी के भीतर मुफ्त में सौगात बांटने के कल्चर को हतोत्साहित करने पर आम सहमति बन रही है. इसकी बजाय पार्टी लोगों के जीवन में परिवर्तनकारी बदलाव लाने, और दीर्घकालिक प्रभाव के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने या बुनियादी ढांचे में सुधार पर फोकस करेगी.

मोदी ने इस महीने की शुरुआत में उत्तर प्रदेश में बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन करते हुए वोट के लिए लोगों में मुफ्त की रेवड़ी बांटने के कल्चर के खिलाफ चेतावनी दी थी. और यह भी कहा था कि यह संस्कृति देश के लिए ‘बहुत घातक’ है.

उन्होंने कहा कि ‘रेवड़ी कल्चर’ वाले कभी आपके लिए नए एक्सप्रेस-वे नहीं बनवाएंगे, नए हवाई अड्डे और डिफेंस कॉरिडोर नहीं बनाएंगे.

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यह पहली बार नहीं है जब प्रधानमंत्री ने इस मुद्दे को नहीं उठाया है. इससे पहले भी वह इस मसले पर बोलते रहे हैं.

हालांकि मोदी ने बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के उद्घाटन में किसी पार्टी का नाम नहीं लिया था, लेकिन मुफ्त सब्सिडी के खिलाफ ताना-बाना विपक्षी दलों, खासकर आम आदमी पार्टी (आप) को निशाना बनाते हुए साधा गया था. आप पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनावों में न केवल दो बार भाजपा को हराया है, बल्कि इस साल की शुरुआत में पंजाब में सरकार बनाने में भी कामयाब रहे.

फ्री पानी और बिजली AAP द्वारा किया जाने वाला एक आम वादा है. आप ने वादा किया है कि अगर पार्टी इस साल के अंत में होने वाले राज्य के चुनाव जीतती है तो गुजरात में सभी घरेलू उपभोक्ताओं को 300 यूनिट फ्री बिजली दी जाएगी. गुजरात भाजपा का पारंपरिक गढ़ है.

भाजपा के एक अंदरूनी सूत्र ने पीएम की टिप्पणियों का कारण बताते हुए कहा, ‘आप को दिल्ली और पंजाब में फ्री शिक्षा, बिजली और पानी जैसे चुनावी वादों के बलबूते सफलता मिली है.’

सूत्र ने बताया, ‘चूंकि आप एक नई पार्टी है, लोग इसके दिल्ली मॉडल (जहां उन्होंने इन फ्री की सौगातों को पेश किया था) की सफलता से प्रभावित हैं. अब आप पार्टी ने हर उस राज्य में ऐसे वादे किए हैं जहां उसने कांग्रेस को पीछे छोड़ा है. लेकिन इन वादों से वह भाजपा (वोटबैंक) को भी नुकसान पहुंचा सकती है.

सूत्र ने कहा, ‘अब गुजरात में भाजपा को भी इस तरह के खतरे का सामना करना पड़ रहा है. यही वजह है कि पीएम ने केजरीवाल पर ‘रेवड़ी कल्चर’ को लेकर हमला बोला. आप समाज के विभिन्न वर्गों के लिए प्रत्यक्ष बैंक हस्तांतरण द्वारा कई योजनाओं की पेशकश करके भाजपा की सफलता की नकल कर रही है.

दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने मुफ्त की संस्कृति पर मोदी के हमले का जवाब देते हुए कहा, ‘हम मुफ्त की सौगात नहीं दे रहे हैं बल्कि फ्री में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं देकर देश की नींव रख रहे हैं … फ्री शिक्षा और फ्री स्वास्थ्य सेवा मुफ्त में दी जाने वाली सौगात नहीं है बल्कि दोस्तों का कर्ज माफ करना ‘फ्री की रेवड़ी’ है.’


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राज्यों ने रियायतों के खिलाफ कदम उठाया

भाजपा के सूत्रों ने कहा कि मोदी सरकार की कल्याणकारी योजनाएं विपक्ष के नेतृत्व वाले कुछ राज्यों में दी जाने वाली मुफ्त सुविधाओं के जैसी नहीं हैं.

एक भाजपा सूत्र ने बताया कि पीएम उज्ज्वला योजना (गरीबी रेखा से नीचे की महिलाओं को एलपीजी कनेक्शन प्रदान करने के लिए) या किसान सम्मान निधि योजना (किसानों को आय सहायता के लिए) की तुलना मुफ्त बिजली या मुफ्त स्कूटी (अन्य पार्टियों द्वारा किए गए) के वादे से नहीं की जा सकती है.

सूत्र ने कहा, ‘ये (केंद्र की) योजनाएं गरीबों के जीवन में परिवर्तनकारी बदलाव ला रही हैं. वे संपत्ति बना रहे हैं. अल्पकालिक उपाय से राज्यों के फाइनेंस पर असर पड़ रहा है. हमने पहले इस तरह के वादे किए थे, लेकिन अब आम सहमति बन रही है कि हमें ऐसी योजनाओं की घोषणा करने से बचना होगा जो लंबे समय में गरीबों की मदद नहीं करती हैं या उन्हें फायदा नहीं पहुंचाती हैं’. सूत्र ने आगे कहा, ‘अगर ऐसी योजनाओं की घोषणा करने की जरूरत हुई, तो उनसे कुछ फीस लेकर किश्तों में उसे दिया जा सकता है.’

उत्तर प्रदेश में इस साल के विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने समाजवादी पार्टी (सपा) का मुकाबला करने के लिए घोषणा की थी कि वह कॉलेज जाने वाली लड़कियों को मुफ्त स्कूटी, किसानों को पांच साल के लिए मुफ्त बिजली और उज्ज्वला योजना के तहत लाभार्थियों को होली और दिवाली के अवसर पर दो रसोई गैस सिलेंडर मुफ्त देगी. इसने बुजुर्गों के लिए राज्य बसों में मुफ्त यात्रा की भी घोषणा की थी.

पार्टी सूत्रों ने बताया कि विपक्षी दलों पर हमले के अलावा मुफ्त में दी जाने सौगातों के खिलाफ पीएम के रुख की एक वजह सरकारी खजाने के खाली होना भी है.

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (कोविड महामारी की शुरुआत में घोषित) के तहत लगभग 80 करोड़ गरीब लोगों को हर महीने 5 किलो राशन उपलब्ध कराने की केंद्र की योजना पर भी सरकार को 13,000 करोड़ रुपये प्रति माह की लागत आ रही है.

सरकार के अनुमान के मुताबिक पिछले दो साल में ही इस योजना पर 3 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए जा चुके हैं. सूत्रों ने बताया कि पीएम देश को सितंबर से आगे योजना का लाभ नहीं देने पर विचार कर सकते हैं.

पार्टी के एक नेता ने कहा, ‘हम कई (मौजूदा) सामाजिक योजनाओं को बंद नहीं करेंगे. लेकिन लोगों को अच्छी सब्सिडी और खराब सब्सिडी के बीच के अंतर से अवगत कराया जाएगा. पार्टी चुनावी घोषणा पत्र में इस तरह के मुफ्त सुविधाएं न देकर उन्हें इसके बीच का अंतर बताएगी. हम सार्थक सब्सिडी प्रदान करके लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के तरीके खोजेंगे.’

हिमाचल प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुरेश कुमार कश्यप ने कहा, ‘हर राज्य अपने लोगों के लिए अपनी प्राथमिकता तय करता है…., लेकिन इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि पार्टी में आम सहमति है कि हमें घोषणापत्र में ऐसी घोषणाएं करने से बचना होगा जो लोगों के लिए लंबे समय के लिए ठीक नहीं हैं.’ उन्होंने कहा, ‘बल्कि हम ऐसी प्रतिबद्धताओं पर ध्यान केंद्रित करेंगे जिससे राज्य में रोजगार, कौशल, बुनियादी ढांचा पैदा हो.’

भाजपा शासित हिमाचल प्रदेश में – जहां इस साल के अंत में चुनाव होने हैं – पार्टी ने विभिन्न रियायतों की घोषणा की है.

अप्रैल में एक समारोह में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने उपभोक्ताओं को 125 यूनिट मुफ्त बिजली (राजकोष को 250 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत पर), ग्रामीण क्षेत्रों में पानी के बिलों पर छूट और राज्य की बसों में यात्रा किराए में 50 प्रतिशत की छूट देने की घोषणा की थी.

दिप्रिंट से बात करते हुए गुजरात भाजपा के उपाध्यक्ष जनक भाई पटेल ने कहा, ‘लोगों को इस बारे में शिक्षित करने की जरूरत है कि इस तरह के वादे राज्यों को किस तरह से बर्बाद कर सकते हैं’

उन्होंने आगे कहा, ‘केजरीवाल ने 300 मुफ्त बिजली यूनिट का वादा किया है, हम भी ऐसे वादे कर सकते हैं. हम सरकार में हैं. लेकिन हमारे अध्यक्ष ने कहा कि इस तरह के वादे गुजरात की समृद्धि को नुकसान पहुंचाएंगे और गुजरात को श्रीलंका जैसा बना देंगे.

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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