रांची, 26 अक्टूबर (भाषा) झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के चाईबासा में थैलेसीमिया से पीड़ित पांच बच्चों को स्थानीय ब्लड बैंक में रक्त चढ़ाए जाने के बाद उनके एचआईवी से संक्रमित होने से जुड़े मामले में झारखंड सरकार ने संबंधित सिविल सर्जन और अन्य अधिकारियों को रविवार को निलंबित कर दिया।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर अधिकारियों के निलंबन के बाद मामले की उच्च-स्तरीय जांच भी शुरू कर दी गई है।
हालांकि, विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सरकार पर हमला करते हुए इस घटना को ‘‘शर्मनाक’’ और ‘‘बच्चों की हत्या का राज्य प्रायोजित प्रयास’’ करार दिया।
यह कार्रवाई थैलेसीमिया से पीड़ित सात वर्षीय बच्चे के परिजनों द्वारा चाईबासा के स्थानीय ब्लड बैंक पर एचआईवी संक्रमित रक्त चढ़ाने का आरोप लगाए जाने के बाद की गई है।
रांची से शनिवार को भेजी गई पांच सदस्यीय टीम की जांच में चार और बच्चों में एचआईवी संक्रमण की पुष्टि हुई।
झारखंड के अतिरिक्त मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘यह एक गंभीर और दुखद मामला है। संबंधित सिविल सर्जन, ब्लड बैंक के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी और तकनीशियनों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है तथा सहायक मुख्य चिकित्सा अधिकारी को प्रभार सौंपा गया है। मामले की उच्च-स्तरीय जांच जारी है।’’
सिंह ने कहा कि शुरुआती जांच में पता चला है कि जिन रक्तदाताओं का खून चढ़ाया गया था, उनकी रक्तदान से पहले की गई एचआईवी जांच की रिपोर्ट ‘नेगेटिव’ आई थी। हालांकि, उन्होंने ‘विंडो पीरियड’ की संभावना से भी इनकार नहीं किया। ‘विंडो पीरियड’ से आशय संक्रमण के तुरंत बाद की उस समयावधि से है, जब वायरस की संख्या बेहद कम होने के कारण जांच में संक्रमण पकड़ में नहीं आ पाता।
स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी सिंह ने कहा कि सरकार ने ‘झारखंड स्टेट एड्स कंट्रोल सोसाइटी’ और राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान के विशेषज्ञों की एक समिति गठित की है, जो परीक्षण प्रोटोकॉल की समीक्षा करेगी और सख्त अनुपालन सुनिश्चित कर निगरानी को मजबूत करेगी।
उन्होंने कहा कि प्रभावित बच्चों और उनके परिवारों के लिए परामर्श और ‘एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी’ की व्यवस्था की जाएगी।
इससे पहले, सोरेन ने अधिकारियों को पश्चिमी सिंहभूम के सिविल सर्जन और अन्य जिम्मेदार अधिकारियों को निलंबित करने का निर्देश दिया था।
सोरेन ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘चाईबासा में थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को एचआईवी संक्रमित खून चढ़ाने की सूचना पर पश्चिमी सिंहभूम के सिविल सर्जन समेत अन्य संबंधित अधिकारियों को निलंबित करने का निर्देश दिया गया है।’’
उन्होंने लिखा, ‘‘राज्य सरकार पीड़ित बच्चों के परिवारों को दो-दो लाख रुपये की सहायता राशि देगी और संक्रमित बच्चों के इलाज का पूरा खर्च भी उठाएगी।’’
इस बीच, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने इस घटना को ‘‘शर्मनाक’’ और ‘‘लापरवाही का एक अत्यंत गंभीर मामला’’ बताया।
उन्होंने कहा कि बच्चों को एचआईवी संक्रमित रक्त चढ़ाया जाना चिंता का विषय है और स्वास्थ्य सेवा प्रणाली की विफलता को दर्शाता है।
मंत्री ने कहा कि केवल मुआवजा पर्याप्त नहीं होगा। उन्होंने मांग की कि इस बात की भी जांच की जाए कि संक्रमित रक्त कैसे पहुंचा, परीक्षण प्रक्रिया क्यों नाकाम रही और इसके लिए कौन जिम्मेदार था।
भाषा खारी पारुल
पारुल
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