जमशेदपुर (झारखंड), 23 सितंबर (भाषा) झारखंड राज्य अल्पसंख्यक आयोग (जेएसएमसी) ने मंगलवार को एक हिंदू संगठन द्वारा एक नन और 19 आदिवासी नाबालिगों से रेलवे स्टेशन पर मानव तस्करी और धर्म परिवर्तन के संदेह में करीब पांच घंटे तक कथित तौर पर पूछताछ किए जाने के मामले में स्वत: संज्ञान लिया। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
अधिकारी ने बताया कि बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के सदस्यों ने शुक्रवार रात दक्षिण बिहार एक्सप्रेस से उतरने के बाद टाटानगर रेलवे स्टेशन पर कैथोलिक नन और आदिवासी बच्चों से धर्म परिवर्तन के बारे में कथित तौर पर पूछताछ की थी।
उन्होंने कहा, ‘हमें मीडिया के माध्यम से रेलवे पुलिस द्वारा कैथोलिक नन और नाबालिग लड़के-लड़कियों को हिरासत में लिए जाने की जानकारी मिली।’’
एक अल्पसंख्यक संगठन ने आरोप लगाया कि शुक्रवार रात साउथ बिहार एक्सप्रेस से उतरने के तुरंत बाद बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के नेताओं ने जीआरपी के माध्यम से कैथोलिक नन और आदिवासी नाबालिगों से लगभग पांच घंटे तक पूछताछ की।
जीआरपी की पुलिस उपाधीक्षक जयश्री कुजूर ने कहा कि मामले की जांच चल रही है लेकिन प्रथम दृष्टया धर्म परिवर्तन और मानव तस्करी का कोई निर्णायक सबूत नहीं मिला है।
जेएसएमसी के उपाध्यक्ष प्रणेश सोलोमन ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि उन्होंने टाटानगर स्टेशन पर कथित दक्षिणपंथी संगठनों द्वारा अल्पसंख्यकों को परेशान करने के मुद्दे को ‘गंभीर’ रूप से उठाया है।
भाषा सुमित वैभव
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