scorecardresearch
Friday, 28 November, 2025
होमदेशझारखंड हाईकोर्ट ने ‘फर्जी आत्मसमर्पण’ मामले में सरकार को फटकार लगाई

झारखंड हाईकोर्ट ने ‘फर्जी आत्मसमर्पण’ मामले में सरकार को फटकार लगाई

Text Size:

रांची, 27 नवंबर (भाषा) झारखंड उच्च न्यायालय ने आदिवासी युवकों को उग्रवादी बताकर ‘‘फर्जी आत्मसमर्पण’’ कराने के आरोप से जुड़ी जनहित याचिका (पीआईएल) के जवाब में राज्य सरकार द्वारा एक कनिष्ठ स्तर के पुलिस अधिकारी से हलफनामा दाखिल कराने पर बृहस्पतिवार को कड़ी आपत्ति जताई।

मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायमूर्ति राजेश शंकर की खंडपीठ ने कहा कि ऐसे संवेदनशील मामलों में वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा हलफनामा दाखिल किया जाना आवश्यक है और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को मामले में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया।

याचिकाकर्ता के वकील राजीव कुमार ने आरोप लगाया कि ‘‘मामले में शामिल’’ वरिष्ठ अधिकारियों को बचाने के लिए जानबूझकर पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) स्तर के अधिकारी से हलफनामा दायर कराया गया।

याचिका में आरोप है कि सरकार ने तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम द्वारा लागू की गई नीति का सहारा लेकर निर्दोष आदिवासी युवाओं और ग्रामीणों को नक्सली बताकर उनका ‘‘समर्पण’’ दिखाया।

बताया गया कि 2014 में रांची में लगभग 300 माओवादियों ने चिदंबरम के समक्ष आत्मसमर्पण किया था। याचिका में आरोप लगाया गया कि बाद में पता चला कि इनमें कई निर्दोष लोग थे जिन्हें झूठे मामलों में फंसाया गया था।

भाषा

खारी संतोष

संतोष

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments