रांची, आठ मार्च (भाषा) झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) की संशोधित नियुक्ति नियमावली को असवैंधानिक बताते हुए उनके खिलाफ दाखिल रिट याचिकाओं पर झारखंड उच्च न्यायालय में मंगलवार को राज्य सरकार के अनुरोध पर सुनवाई एक दिन के लिए टल गई और अब सुनवाई बुधवार को होगी।
मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन एवं न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद की खंड पीठ के समक्ष यह मामला मंगलवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध था लेकिन राज्य सरकार और एसएससी की ओर से अनुरोध किया गया कि इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता उनका पक्ष रखेंगे लिहाजा बुधवार को मामले की ऑनलाइन सुनवाई की जाए।
मामले के महत्व को देखते हुए खंड पीठ ने आग्रह को स्वीकार करते हुए बुधवार को इसकी सुनवाई निर्धारित की है।
संशोधित नियमावली के खिलाफ रमेश हांसदा और कुशल कुमार की ओर से उच्च न्यायालय में रिट याचिका दाखिल की गई है। याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार की ओर से जेएसएससी नियुक्ति के लिए नई संशोधित नियमावली बनाई गई है, जिसके अनुसार नियुक्ति के लिए वैसे ही अभ्यर्थी पात्र हैं जिन्होंने राज्य के संस्थान से दसवीं और 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की हो।
याचिका में कहा गया कि इसके अलावा जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषाओं की सूची से हिंदी और अंग्रेजी को हटा दिया गया है। वहीं इस सूची में उर्दू, ओड़िया और बांग्ला भाषा को शामिल किया गया है। याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि राज्य के संस्थान से हाई स्कूल एवं इंटर उत्तीण होने की अर्हता सिर्फ सामान्य वर्ग के लिए लागू की गयी है जबकि आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों को इससे छूट प्रदान की गई है।
याचिका में यह भी कहा गया है कि यह नियमावली संविधान की मूल भावना के पूरी तरह विपरीत है और समानता के अधिकार का उल्लंघन है।
भाषा इंन्दु शफीक
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