रांची, नौ अगस्त (भाषा) झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शनिवार को विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री और अपने पिता शिबू सोरेन के योगदान को याद किया।
राज्य भर में नौ अगस्त को मनाया जाने वाला आदिवासी दिवस इस वर्ष शिबू सोरेन के निधन के तहत सादगी से मनाया जा रहा है। शिबू सोरेन का सोमवार को दिल्ली के एक अस्पताल में निधन हो गया था और उनकी उम्र 81 वर्ष थी।
मुख्यमंत्री सोरेन ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा, ‘‘आज विश्व आदिवासी दिवस है, लेकिन मेरे मार्गदर्शक, मेरे गुरु, मेरे पिता अब शारीरिक रूप से हमारे बीच नहीं हैं। हालांकि, उनका संघर्ष, उनके विचार और उनके आदर्श हमें सदैव प्रेरित करते रहेंगे। वे न केवल मेरे पिता थे, बल्कि सम्पूर्ण आदिवासी समुदाय सहित झारखंड की आत्मा, संघर्ष के प्रतीक और जल-जंगल-जमीन के सबसे मुखर रक्षक थे।’’
सोरेन ने कहा, ‘‘आदिवासी समाज ने ही मानवता को प्रकृति के साथ सामंजस्य बिठाकर सुखी जीवन जीने का मार्ग दिखाया है। आदिवासी समाज का जीवन दर्शन प्रकृति से शुरू होता है और प्रकृति पर ही समाप्त होता है। हालांकि, सदियों से आदिवासी और अन्य शोषित-वंचित समुदाय हाशिये पर रहने को मजबूर रहे हैं। बाबा (शिबू सोरेन) ने इस स्थिति को बदलने के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह विश्व के आदिवासी लोगों के अंतरराष्ट्रीय दिवस के अवसर पर अपने बाबा ‘दिसोम गुरु’ और उन सभी पूर्वजों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, जिन्होंने अपने संघर्षों और बलिदानों के माध्यम से आदिवासी पहचान, संस्कृति, सभ्यता और अधिकारों की रक्षा की।
भाषा यासिर शफीक
शफीक
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