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रविवार, 29 जून, 2025
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झारखंड: भारी बारिश के बाद जलमग्न आवासीय स्कूल से 162 छात्र सुरक्षित निकाला गया

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(तस्वीर के साथ जारी)

जमशेदपुर, 29 जून (भाषा) झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले में भारी बारिश के कारण जलमग्न हुए एक निजी आवासीय विद्यालय से 162 छात्रों को पुलिस और दमकल विभाग की टीमों ने रविवार को सुरक्षित बाहर निकाला। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।

कोवाली थाना क्षेत्र के हल्दीपोखर-कोवाली रोड पर पांडरसोली स्थित स्कूल में भारी बारिश के कारण पानी भर जाने से छात्र शनिवार रात से ही फंसे हुए थे।

पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) ऋषभ गर्ग ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया ‘हमें जानकारी मिली कि भारी बारिश के कारण जलमग्न हुए लव कुश आवासीय विद्यालय में 162 छात्र फंस गए थे जिसके बाद शिक्षकों ने सभी छात्रों को छत पर स्थानांतरित कर दिया, जहां उन्होंने रात बिताई।’

उन्होंने कहा, ‘आज सुबह करीब साढ़े पांच बजे सूचना मिलने पर पुलिस अधिकारी और अग्निशमन दल मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों की मदद से एक-एक करके छात्रों को बचाया गया।’

गर्ग ने बताया कि इस बचाव अभियान में नौकाओं का भी इस्तेमाल किया गया। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीम को बुलाया गया था। हालांकि, उनके पहुंचने से पहले ही सभी छात्रों को सुरक्षित निकाल लिया गया।

कोवाली थाना प्रभारी धनंजय पासवान ने बताया कि विद्यालय का एकमंजिला भवन पूरी तरह जलमग्न हो गया था और इसे अगले आदेश तक बंद कर दिया गया है।

उन्होंने बताया कि स्थानीय छात्रों को उनके घर भेज दिया गया है, जबकि शेष छात्रों को उनके जिलों – दुमरिया, घाटशिला, मुसाबनी और जमशेदपुर में स्थित घरों तक पहुंचाने की व्यवस्था जिला प्रशासन द्वारा की जा रही है।

इस बीच, पूर्वी सिंहभूम और सरायकेला-खरसावां जिला प्रशासन ने खड़खाई और स्वर्णरेखा नदियों के जलस्तर में अचानक बढ़ोतरी और ओडिशा के रायरंगपुर बांध से पानी छोड़े जाने की आशंका को देखते हुए अलर्ट जारी किया है।

पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने खड़खाई और स्वर्णरेखा नदी के तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों से सतर्क रहने और प्रशासन की सलाह का पालन करने की अपील की है।

उन्होंने अनुमंडल पदाधिकारियों, नगर निकायों, प्रखंड विकास पदाधिकारियों और अंचल अधिकारियों को सतर्क रहने तथा आम जनता से समन्वय बनाकर कार्य करने के निर्देश दिए हैं।

सरायकेला-खरसावां के उपायुक्त नितीश कुमार सिंह ने संबंधित अधिकारियों को सतर्क रहने, नदी किनारे बाढ़ संभावित इलाकों की पहचान करने के निर्देश दिए हैं।

उन्होंने अधिकारियों से संवेदनशील क्षेत्रों, विशेष रूप से नदियों और चांडिल बांध के करीब जलमग्न क्षेत्रों की पहचान करने और सार्वजनिक उद्घोष प्रणालियों के माध्यम से लोगों को सचेत करने का निर्देश दिया।

उन्होंने सिविल सर्जन को सभी स्वास्थ्य केंद्रों को सतर्क रखने, मोबाइल चिकित्सा इकाइयों और एंबुलेंस की तैनाती सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए हैं।

मौसम विभाग ने 30 जून को खूंटी, रांची, रामगढ़, बोकारो, धनबाद, सरायकेला-खरसावां और पश्चिमी सिंहभूम जिलों के लिए ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया है, जबकि एक जुलाई को गुमला, गढ़वा, पलामू, चतरा, लातेहार और लोहरदगा जिलों के लिए चेतावनी दी गई है।

इस चेतावनी के मद्देनजर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आपदा प्रबंधन विभाग और सभी जिला प्रशासन को सतर्क रहने और जरूरतमंदों को हर स्थिति में सहायता पहुंचाने के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘राज्य के कई जिलों में अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। आपदा प्रबंधन विभाग और सभी जिला प्रशासन मौसम विभाग एवं अन्य एजेंसियों के साथ सतत समन्वय बनाकर रखें, सतर्क रहें और हर स्थिति में जनता को सहायता पहुंचाने का कार्य करें।’’

भाषा राखी रंजन

रंजन

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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