यूपी में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियां जारी है. सभी राजनीतिक पार्टियां वोटर्स को लुभाने के लिए लगातार अपनी कोशिशे कर रही हैं. ऐसी ही बीजेपी ने यूपी में लोगों को आकर्षित करने के लिए एक नारा दिया है- ‘सोच ईमानदार, काम दमदार’. इस नारे को लेकर जाने-माने गीतकार जावेद अख़्तर ने एक ट्वीट किया जिसे लेकर बवाल मच गया है.
जावेद अख़्तर ने यूपी की बीजेपी शाखा पर तंज कसते हुए ट्वीट किया, जिसके बाद से उस पर लोगों की ढेरों प्रतिक्रियाएं आने लगी. दरअसल जावेद अख्तर ने मंगलवार को सुबह अपने ट्विटर पर लिखा, ‘अच्छा लग रहा है यह देखकर कि यूपी बीजेपी के नारे, ‘सोच ईमानदार, काम दमदार’ में चार में से तीन शब्द उर्दू के हैं. ईमानदार, काम और दमदार.’
Nice to see that the slogan of UP BJP “ soch imaandar kaaam dumdaar “ has out of four three urdu words , imaandar , kaam and Damdar .
— Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) December 7, 2021
जावेद अख़्तर के इस ट्वीट के बाद से ही लोग ट्विटर पर आकर उनको भाषा का ज्ञान दे रहे हैं. सुक्खी संधु नाम के एक ट्विटर यूजर ने लिखा, ‘सर उर्दू भारत से निकली भाषा है जिसका दूसरा नाम हिंदुस्तानी है. जो हमारे देश का है उस पर हमको गर्व है’
Sir ji Urdu is a Indian origin language
It's another name is HindustaniJo Hamare desh ka hai humko uspe garav hai
— Sukkhi Sandhu (@sukkhisandhu) December 7, 2021
सुप्रीम कोर्ट के एक वकील शशांक शेखर झा ने लिखा, ‘काम शब्द असल में संस्कृत के कर्मा शब्द से लिया गया है’
Kaam literally is derived from Sanskrit word Karma ! ?
— Shashank Shekhar Jha (@shashank_ssj) December 7, 2021
चंद्र प्रकाश नाम के एक ट्विटर यूजर ने लिखा, ‘जावेद मियाँ, ‘ईमानदार’ फ़ारसी है, पारसियों की भाषा जिन्हें इस्लाम ने ईरान से मारकर भगा दिया था. ‘काम’ हिंदी का शब्द है, संस्कृत के ‘कर्म’ से बना है. ‘दम’ भी संस्कृत है, जिसका अर्थ है ‘शक्तिशाली व्यक्ति जिसने इंद्रियों पर वश पा लिया’ तुलसीदास ने लिखा है- बल विवेक दम परहित घोरे…’
जावेद मियाँ, 'ईमानदार' फ़ारसी है, पारसियों की भाषा जिन्हें इस्लाम ने ईरान से मारकर भगा दिया था।
'काम' हिंदी का शब्द है, संस्कृत के 'कर्म' से बना है।
'दम' भी संस्कृत है, जिसका अर्थ है 'शक्तिशाली व्यक्ति जिसने इंद्रियों पर वश पा लिया'। तुलसीदास ने लिखा है- बल विवेक दम परहित घोरे…— Chandra Prakash (@CPism) December 7, 2021
नेत्रा डाऊ नाम की एक यूजर ने लिखा, ‘तो क्या उर्दू भारतीय भाषा है, आप इससे क्या साबित करना चाहते हैं.’ इसके जवाब में अर्शी सिद्दीकी नाम के एक यूजर ने लिखा, शायद ये याद दिला रहे हैं कि कैसे जश्न शब्द से कुछ लोगों की भावनाएं आहत हो गई थीं’
So what? Urdu is Indian language only.. What do you wish to prove by this?
— नेत्रा डाऊ ??? (@onlyonenetra) December 7, 2021
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने राज्य में कई जगहों के नाम बदले जाने के लिए जाने जाते हैं. सीएम योगी ने उर्दू भाषा के नाम वाली कई जगहों के नाम बदल दिए हैं और कुछ को बदले जाने की बात चल रही है. जैसे मुगलसराय रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर दीन दयाल उपाध्याय कर दिया गया. इसके अलावा फिरोजाबाद को बदलकर अयोध्या कर दिया.
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