नई दिल्ली: भीम आर्मी के प्रमुख चंद्र शेखर आजाद ने शुक्रवार को कहा कि जब तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पद से इस्तीफा नहीं दे देते और उच्चतम न्यायालय मामले में संज्ञान नहीं ले लेता तब तक हाथरस में कथित सामूहिक बलात्कार और उत्पीड़न से जान गंवाने वाली 19 वर्षीय युवती को न्याय मिलने की कोई उम्मीद नहीं है.
दलित युवती के लिए न्याय की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर मौजूद आजाद ने कहा कि वह हाथरस जाएंगे और संघर्ष जारी रहेगा.
उन्होंने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा, ‘जब तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं दे देते और उच्चतम न्यायालय मामले में संज्ञान नहीं ले लेता तब तक हाथरस में कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार और उत्पीड़न से जान गंवाने वाली 19 वर्षीय युवती को न्याय मिलने की कोई उम्मीद नहीं है.’
उन्होंने कहा, ‘इस तरह के अपराधियों को जितना जल्दी हो सके दंडित किया जाना चाहिए ताकि कोई अन्य इस प्रकार का अपराध करने से डरे.’
आजाद ने कहा, ‘हम हाथरस जाएंगे और जब तक मामला दिल्ली नहीं आ जाता, न्याय मिलने की कोई उम्मीद नहीं है.’
हाथरस की घटना के विरोध में नागरिक संगठनों के कार्यकर्ता, छात्र, महिलाएं, आम आदमी पार्टी और वामपंथी दलों के नेता शुक्रवार की शाम जंतर-मंतर पर एकत्र हुए.
विरोध प्रदर्शन पहले इंडिया गेट पर किया जाना था लेकिन राजपथ क्षेत्र में निषेधाज्ञा लागू होने के कारण इसे जंतर मंतर पर किया गया.
मास्क पहने हुए लोग उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के इस्तीफे और पीड़िता के लिए न्याय की मांग कर रहे थे.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी जंतर मंतर पर हुए प्रदर्शन में शुक्रवार को शामिल हुए. केजरीवाल ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि इस घटना पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि देश में दुष्कर्म की घटनाएं नहीं होनी चाहिए.
गौरतलब है कि 14 सितम्बर को हाथरस में चार युवकों ने 19 वर्षीय दलित लड़की से कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया था. मंगलवार को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में उसकी मौत हो गई और बुधवार की रात को उसके शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया. पीड़िता के परिजन का आरोप है कि पुलिस ने उन्हें रात में अंतिम संस्कार करने के लिए बाध्य किया.
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