जम्मू: जम्मू विकास प्राधिकरण (जेडीए) ने भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री निर्मल सिंह को नोटिस भेजकर उन्हें शहर के बाहरी हिस्से में अवैध रूप से बनाये गये घर को पांच दिन के भीतर गिराने को कहा है.
सिंह और उनके परिजन पिछले साल 23 जुलाई को नागरोटा के बान गांव में सेना के शस्त्र उप डिपो के पास बने बंगले में रहने चले गये थे. उच्च न्यायालय ने मई 2018 में अधिकारियों को निर्देश दिया था कि 2015 की एक अधिसूचना का ‘सख्ती से क्रियान्वयन’ कराया जाए जिसमें आम नागरिकों द्वारा रक्षा प्रतिष्ठानों के 1,000 गज के दायरे में किसी भी तरह का निर्माण करने पर रोक है.
भाजपा नेता ने आठ नवंबर को जेडीए द्वारा जारी नोटिस प्राप्त होने की पुष्टि करते हुए कहा, ‘मामला अदालत में विचाराधीन है और मैं आगे की कार्रवाई के लिए अपने वकीलों से मशविरा करुंगा.’
जेडीए ने कहा कि सक्षम प्राधिकार से वैध अनुमति प्राप्त किये बिना इमारत का निर्माण किया गया. जेडीए ने कहा, ‘आपको निर्देश दिया जाता है कि आदेश जारी होने की तारीख से पांच दिन के भीतर आप अवैध निर्माण हटा लें. इस अवधि में ऐसा नहीं किये जाने की स्थिति में जेडीए की प्रवर्तन इकाई निर्माण ढहा देगी और इसका खर्च भूमि राजस्व के बकाये के रूप में आपसे वसूला जाएगा.’
उच्च न्यायालय ने सात मई 2018 को सभी संबंधित पार्टियों से कहा था कि जब तक सेना की याचिका का निस्तारण नहीं हो जाता तब तक यथास्थिति बनाकर रखी जाए. सेना ने याचिका में कहा है कि इमारत का निर्माण तय नियमों का उल्लंघन करते हुए हुआ है.
शस्त्र डिपो के निकट भवन होने पर सुरक्षा को लेकर चिंता जताते हुए केंद्र ने उच्च न्यायालय में दो याचिकाएं दायर की हैं. सिंह ने पहले दावा किया था कि यह उनके खिलाफ एक राजनीतिक साजिश है.
हिमगिरि इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट प्राइवेट लिमिटेड ने वर्ष 2000 में 2,000 वर्गमीटर का भूखंड खरीदा था. कंपनी के शेयरधारकों में पूर्व उप मुख्यमंत्री कवींद्र गुप्ता और भाजपा सांसद जुगल किशोर तथा सिंह शामिल हैं. गुप्ता ने हालांकि दावा किया कि वह कंपनी से इस्तीफा दे चुके हैं.
भूखंड पर निर्माण कार्य 2017 में शुरू हुआ था जिसके कारण सेना ने इस बारे में सिंह को सूचित किया. सिंह उस वक्त पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार में उप मुख्यमंत्री थे.
केंद्र सरकार ने जम्मू के तत्कालीन उपायुक्त के 2015 के आदेश का कथित रूप से उल्लंघन करने पर निर्मल सिंह की पत्नी ममता सिंह के खिलाफ 2018 में अवमानना नोटिस जारी किया किया. आदेश में राज्य सरकार ने सेना के डिपो की अधिसूचना जारी की थी.
जब स्थानीय प्रशासन और पुलिस 2015 के आदेश का क्रियान्वयन करने में विफल रहे तो रक्षा मंत्रालय ने तीन मई 2018 को रिट याचिका दायर की थी.
उपायुक्त के आदेश को सख्ती से लागू करने के उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद निर्माण कार्य निरंतर जारी रहा जिसके कारण केंद्र ने 16 मई 2018 को अवमानना याचिका दायर की.