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Thursday, 19 December, 2024
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जम्मू-कश्मीर के 3 सरकारी अधिकारी बर्खास्त, ISI और आतंकी संगठनों के लिए काम करने का आरोप

इन कर्मचारियों की पहचान कश्मीर विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी फहीम असलम, राजस्व सेवा के अधिकारी मुरावत हुसैन मीर तथा जम्मू कश्मीर पुलिस कांस्टेबल अरशिद अहमद ठोकेर के तौर पर की गई है.

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नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर सरकार ने पाकिस्तानी आतंकवादी संगठनों के साथ काम करने, उनके लिए धन जुटाने तथा उनकी विचारधारा का प्रचार-प्रसार करने के आरोप में कश्मीर विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी, एक पुलिस कांस्टेबल तथा राजस्व सेवा के एक अधिकारी को नौकरी से बर्खास्त कर दिया है.

अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी.

इन कर्मचारियों की पहचान कश्मीर विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी फहीम असलम, राजस्व सेवा के अधिकारी मुरावत हुसैन मीर तथा जम्मू कश्मीर पुलिस कांस्टेबल अरशिद अहमद ठोकेर के तौर पर की गई है.

उन्होंने बताया कि इन लोगों को नौकरी से इसलिए बर्खास्त किया गया है क्योंकि इनके खिलाफ कई आरोप हैं जिनमें पाकिस्तानी आतंकवादी संगठनों के साथ काम करना, आतंकवादियों के आने जाने में उनकी मदद करना, उनके लिए धन जुटाना, उनकी विचारधारा का प्रचार-प्रसार करना तथा ‘अलगाववादी एजेंडे को आगे बढ़ाना’ आदि शामिल है.

सरकार ने संविधान की धारा 311 (2) (सी) के तहत इन तीन सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त किया है. जांच में पाया गया कि ‘‘वे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई तथा आतंकवादी संगठनों की तरफ से काम कर रहे थे’’ और इसके बाद सरकार ने यह कदम उठाया है.

उन्होंने कहा कि असलम ‘‘एक कट्टर अलगाववादी है जो न केवल अलगाववादी विचारधारा का समर्थन करता है बल्कि कश्मीर घाटी में आतंकवादियों तथा आतंकवादी संगठनों का प्रमुख प्रचारक भी है.’’

सूत्रों का कहना है कि जांच से स्पष्ट रूप से पता चला है कि वे कथित तौर पर पाकिस्तान इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) और आतंकी संगठनों की ओर से काम कर रहे थे.

अधिकारियों ने कहा कि असलम के कई सोशल मीडिया पोस्ट में देश के प्रति ‘‘उसकी नफरत दिखाई देती है.’’

वहीं असलम से इस संबंध में जब संपर्क किया गया तो उसने कहा कि उसे सेवा से बर्खास्त किए जाने के बारे में कोई जानकारी नहीं है.

इन तीन सरकारी अधिकारियों की बर्खास्तगी जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की ‘आतंकवाद के खिलाफ शून्य सहनशीलता’ की नीति के तहत किया गया. नवीनतम आदेश के साथ, आतंकवादी संगठनों के साथ कथित संबंधों के लिए अब तक 52 सरकारी अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया गया है.


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