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Wednesday, 25 September, 2024
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जम्मू कश्मीर : महिला मतदाता बिजली के बढ़ते बिल को लेकर अधिक चिंतित

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(तस्वीर के साथ)

श्रीनगर, 25 सितंबर (भाषा) जम्मू कश्मीर में सभी प्रमुख राजनीतिक दलों का चुनाव प्रचार अभियान पूर्ववर्ती राज्य का विशेष दर्जा निरस्त करने और उसे बहाल करने के इर्द-गिर्द रहा है लेकिन महिला मतदाता बढ़ते बिजली बिल को लेकर अधिक चिंतित हैं।

बुधवार को श्रीनगर शहर में एक मतदान केंद्र में वोट डालने की अपनी बारी का इंतजार रही एक बुजुर्ग महिला ने एक विदेशी राजनयिक से कहा कि वह बिजली की अनियमित आपूर्ति और बढ़ते बिल को लेकर चिंतित हैं।

करीब 60 वर्षीय महिला ने दिल्ली में अमेरिकी मिशन के उप प्रमुख जॉर्गन के. एंड्रयूज से कहा, ‘‘बिजली आपूर्ति ध्वस्त हो गयी है और टैरिफ मीटर लगा दिए गए हैं। अब वे कह रहे हैं कि पानी के मीटर भी लगाए जाएंगे।’’

महिला ने अपनी पहचान उजागर करने से इनकार कर दिया लेकिन कहा कि उन्होंने इस उम्मीद में दिल से अपनी बात रखी है कि राजनयिक के हस्तक्षेप से गरीब लोगों को बढ़ते बिजली के बिल से थोड़ी राहत मिलेगी।

महिला इस बात से अनजान है कि विदेशी राजनयिकों को केवल विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया देखने के लिए यहां आमंत्रित किया गया है। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि ‘‘अंग्रेज’’ उनके मामले को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार के समक्ष उठाएंगे।

जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव के तीन चरणों के तहत दूसरे चरण का मतदान बुधवार को जारी है।

श्रीनगर में मतदान केंद्रों के सामने अच्छी-खासी संख्या में महिला मतदाता कतारों में खड़ी दिखायी दीं। वे बिजली, पानी और जन वितरण प्रणाली के जरिए अनाज जैसी मूलभूत सुविधाओं को लेकर अधिक चिंतित हैं।

बाजुल्ला इलाके की निवासी हसीना बानो ने कहा, ‘‘बिजली का मासिक बिल पिछले साल के 1,400 रुपये से बढ़कर इस साल 2,750 रुपये हो गया है। हम ऐसी सरकार को वोट देना चाहते हैं जो इसे वापस लें।’’

जम्मू कश्मीर में बिजली दरें कई वर्षों से अपरिवर्तित बनी हुई हैं लेकिन बिजली विकास निगम ने ‘लोड’ समझौतों को संशोधित किया है और इससे उन उपभोक्ताओं के मासिक बिल लगभग दोगुना हो गए हैं जो फ्लैट दर पर भुगतान कर रहे हैं।

मतदाताओं द्वारा व्यक्त की गई चिंताएं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) द्वारा चलाए जा रहे अभियानों के बिल्कुल विपरीत हैं।

भाषा

गोला मनीषा

मनीषा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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