श्रीनगर, 24 अगस्त (भाषा) जम्मू-कश्मीर में रविवार को एक भर्ती परीक्षा को प्रश्नपत्र लीक होने के आरोपों के बाद रद्द कर दिया गया। राजनीतिक दलों ने इस घटनाक्रम को लेकर सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) पर युवाओं का ‘‘भविष्य बर्बाद’’ करने का आरोप लगाया।
जम्मू-कश्मीर सेवा चयन बोर्ड (जेकेएसएसबी) ने लिखित परीक्षा रद्द करने की घोषणा करते हुए कहा कि यह परीक्षा नये सिरे से आयोजित की जाएगी।
जेकेएसएसबी ने एक आदेश में कहा, “ओएमआर-आधारित लिखित परीक्षा रविवार को पूर्वाह्न 11 बजे से जम्मू और श्रीनगर के 35 परीक्षा स्थलों पर आयोजित होनी थी। हालांकि, मौसम संबंधी आपात स्थितियों के कारण, समय बदलकर दोपहर 12 बजे कर दिया गया। परीक्षा 34 स्थलों पर सफलतापूर्वक आयोजित की गई, लेकिन एक स्थल पर आयोजित नहीं की जा सकी।”
आदेश में कहा गया है, “इस वजह से, बोर्ड ने 24 अगस्त को बिजली विकास विभाग के जूनियर इंजीनियर (इलेक्ट्रिकल) पदों के लिए आयोजित ओएमआर-आधारित परीक्षा को रद्द करने का निर्णय लिया है। परीक्षा नये सिरे से आयोजित की जाएगी।”
आदेश के मुताबिक, परीक्षा के लिए नयी तारीखों की घोषणा की जाएगी।
इससे पहले, सोशल मीडिया पर कई वीडियो सामने आए, जिनमें कथित तौर पर कोठी बाग उच्च माध्यमिक स्कूल के परीक्षा हॉल के बाहर अभ्यर्थी जूनियर इंजीनियर (इलेक्ट्रिकल) पदों के लिए हो रही परीक्षा के सवालों के जवाब देने की कोशिश करते दिखाई दे रहे थे। कई लोगों ने दावा किया कि परीक्षा से पहले ही प्रश्नपत्र सोशल मीडिया पर उपलब्ध था।
इसके बाद, सेंटर के बाहर जम्मू-कश्मीर सेवा चयन बोर्ड के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हो गया। राजनीतिक दलों ने नेशनल कॉन्फ्रेंस पर निशाना साधते हुए कहा कि पेपर लीक जम्मू-कश्मीर के युवाओं के लिए एक “झटका” है।
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “किताबों पर प्रतिबंध लगाने और स्कूलों पर ताला लटकाने के बाद, सरकार द्वारा एसएसबी परीक्षा के प्रश्नपत्रों की बिक्री जम्मू-कश्मीर के युवाओं के लिए एक और झटका है। यह उस क्षेत्र के लिए तथाकथित ‘युवा पैकेज’ है, जहां 65 प्रतिशत आबादी 35 वर्ष से कम आयु की है।”
पीडीपी नेता और पुलवामा के विधायक वहीद पर्रा ने कहा, “सरकार द्वारा परीक्षा के प्रश्नपत्रों की बिक्री जम्मू-कश्मीर के युवाओं के लिए बड़ा झटका है।”
पीडीपी नेता इल्तिजा मुफ्ती ने पार्टी में विश्वास रखने वाले युवाओं का भविष्य बर्बाद करने के लिए नेशनल कॉन्फ्रेंस सरकार की आलोचना की।
इल्तिजा ने ‘एक्स’ पर कहा, “जम्मू-कश्मीर के युवाओं ने नेशनल कॉन्फ्रेंस में भारी भरोसा जताया था और उन्हें पार्टी की सरकार बनने के बाद भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता की उम्मीद थी। लेकिन मैं इस बात से स्तब्ध हूं कि नेशनल कॉन्फ्रेंस सरकार कोठी बाग सेंटर में जेई इलेक्ट्रिकल परीक्षा आयोजित करने में अपनी अक्षमता के कारण उनका भविष्य बर्बाद कर रही है।”
पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के प्रमुख सज्जाद लोन ने पेपर लीक को भर्ती में “दिनदहाड़े बेशर्मी से लूट” करार दिया। उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “आखिरकार हमने कर दिखाया। हम घोटालों में सबसे आगे हैं। यह भर्ती में दिनदहाड़े बेशर्मी से लूट से कम नहीं है। क्या कोई हमें बताएगा कि क्या हो रहा है?”
लोन ने आरोप लगाया कि जेई इलेक्ट्रिकल परीक्षा के अभ्यर्थियों को परीक्षा रद्द होने के कारण शुरू में परीक्षा हॉल से बाहर जाने को कहा गया। उन्होंने दावा किया कि कुछ छात्रों ने परीक्षा देना जारी रखा, और बाद में उनसे दोबारा आने का अनुरोध किया गया।
हंदवाड़ा से विधायक लोन ने सवाल किया, “परीक्षा देने से पहले ही प्रश्नपत्र सोशल मीडिया पर आ गया। क्या कोई दोषी साबित होगा या हमें फिर झूठी कहानी का एक और दौर झेलना पड़ेगा?”
सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस के लोकसभा सदस्य आगा रूहुल्ला ने कहा कि जेकेएसएसबी की व्यवस्था “ध्वस्त” हो चुकी है। उन्होंने इसके लिए उपराज्यपाल प्रशासन को दोषी ठहराया।
रूहुल्ला ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “यह एक अनिर्वाचित और गैर-जिम्मेदार प्रतिष्ठान द्वारा संचालित एक ध्वस्त व्यवस्था का सीधा परिणाम है।”
उन्होंने दावा किया कि “उपराज्यपाल की सरपरस्ती में शुरू हुए घोटाले” अभी तक नहीं रुके हैं।
लोन ने कहा, “हमारे युवाओं के भविष्य की रक्षा करने के बजाय, किताबों पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है और स्कूलों पर कब्जा किया जा रहा है; आरक्षण का अनसुलझा मुद्दा युवाओं के भविष्य पर और भारी पड़ रहा है।’’
लोकसभा में श्रीनगर का प्रतिनिधित्व करने वाले रूहुल्ला ने निर्वाचित सरकार से अपनी भूमिका और दृष्टिकोण का पुनर्मूल्यांकन करने का आह्वान किया।
भाषा आशीष पारुल
पारुल
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