जम्मू, 14 मार्च (भाषा) जम्मू-कश्मीर परिसीमन आयोग ने सोमवार को विधानसभा और संसदीय क्षेत्रों का नये सिरे से निर्धारण करने संबंधी अपनी रिपोर्ट सार्वजनिक करते हुए जनता से आपत्तियां और सुझाव मांगे हैं।
परिसीमन आयोग ने प्रस्तावों के संबंध में भारत के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर के राजपत्रों में अपनी रिपोर्ट प्रकाशित की है।
आयोग के सचिव के. एन. भर ने अधिसूचना में कहा, ”आयोग इस संबंध में आपत्तियां और सुझाव आमंत्रित करता है।”
अधिसूचना के अनुसार प्रस्तावों के संबंध में कोई आपत्ति और सुझाव 21 मार्च को या उससे पहले सचिव, परिसीमन आयोग कार्यालय में पहुंच जाने चाहिए।
अधिसूचना में कहा गया है कि आयोग इन (सुझावों) पर 28 और 29 मार्च को केंद्र शासित प्रदेश में सार्वजनिक बैठकों के दौरान विचार करेगा।
इसमें कहा गया है, ”उपरोक्त बैठकों का स्थान और समय अलग से अधिसूचित किया जाएगा।”
राजपत्र की प्रतियां जम्मू-कश्मीर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी और केंद्र शासित प्रदेश के सभी जिलों में चुनाव अधिकारियों के संदर्भ के लिए उपलब्ध है।
आयोग को 6 मार्च को दो महीने का विस्तार दिया गया था और उसे 6 मई से पहले एक रिपोर्ट जमा करनी थी।
सोमवार को सार्वजनिक किए गए मसौदा प्रस्ताव के अनुसार जम्मू-कश्मीर में लोकसभा सीटों की संख्या में कोई वृद्धि नहीं हुई है।
इसी तरह, केंद्र शासित प्रदेश की संसदीय सीट में अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए कोई आरक्षण नहीं है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा सीटों की संख्या 90 करने का प्रस्ताव है, जिसमें से सात सीट एससी और नौ सीट एसटी के लिये आरक्षित होंगी।
मसौदे में कहा गया है कि जम्मू संभाग में जम्मू-रियासी और उधमपुर-डोडा निर्वाचन क्षेत्र होंगे जबकि कश्मीर संभाग में श्रीनगर-बडगाम और बारामूला-कुपवाड़ा होंगे। अनंतनाग-पुंछ सीट दोनों संभागों का हिस्सा होगी।
न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में मार्च 2020 में गठित तीन सदस्यीय आयोग ने 90 सदस्यीय सदन में जम्मू क्षेत्र में छह और सीट तथा कश्मीर में एक अतिरिक्त सीट का प्रस्ताव रखा है। नब्बे सदस्यीय विधानसभा में से 47 सीट कश्मीर में जबकि 43 सीट जम्मू क्षेत्र में होंगी।
भाषा जोहेब दिलीप
दिलीप
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