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श्रीनगर, 11 अक्टूबर (भाषा) कांग्रेस की जम्मू-कश्मीर इकाई ने शुक्रवार को कहा कि उसने विधानसभा में विधायक दल का नेता चुनने का फैसला नयी दिल्ली में पार्टी आलाकमान पर छोड़ दिया है।
एक अन्य फैसला करते हुए कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) ने जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने के लिए नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) को समर्थन दे दिया है।
जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी (जेकेपीसीसी) के अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा ने यहां सीएलपी बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘आज हमारे विधायक दल की बैठक हुई जिसमें हमने सर्वसम्मति से केंद्रीय नेतृत्व को दल का नेता चुनने का फैसला लेने के लिए अधिकृत करने का निर्णय लिया है। हमने इस मुद्दे पर एक प्रस्ताव पारित किया है और इसे निर्णय लेने के लिए केंद्रीय नेतृत्व के पास भेज दिया गया है।’’
छह नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक यहां एम. ए. रोड स्थित पार्टी मुख्यालय में हुई जिसमें कर्रा, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के महासचिव गुलाम अहमद मीर, निजामुद्दीन भट, पीरजादा मोहम्मद सईद, इरफान हफीज लोन और इफ्तिकार अहमद शामिल हुए।
यह पूछे जाने पर कि निर्णय पार्टी आलाकमान पर क्यों छोड़ा गया, तो कर्रा ने कहा कि कांग्रेस विधायक दल के नेता के चयन पर कोई मतभेद नहीं है, लेकिन ‘‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में ऐसा करने की परंपरा रही है… कांग्रेस के लिए यह कोई असामान्य बात नहीं है।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या पार्टी ने नेकां को समर्थन देने के लिए कोई शर्त रखी है, तो जेकेपीसीसी प्रमुख ने कहा कि उन्होंने कोई शर्त नहीं रखी है और पार्टी ‘‘लोगों की बेहतरी के बड़े उद्देश्य के लिए’’ ‘इंडिया’ गठबंधन की भावना को बरकरार रखना चाहती है।
नेकां को निर्दलीयों के समर्थन से बहुमत मिलने के बारे में पूछे जाने पर कर्रा ने कहा कि गठबंधन की भावना संख्या के खेल से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है।
भाषा
जोहेब धीरज
धीरज
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