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Saturday, 4 May, 2024
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‘ॐ और अल्लाह एक’, अरशद मदनी के बयान पर जैन से लेकर हिंदू संगठनों का विरोध, BHP बोली- मानसिकता उजागर

जमीयत उलेमा-ए-हिंद के 34वें अधिवेशन के आखिरी दिन मौलाना मदनी ने कहा- जब कोई नहीं था, न श्री राम थे, न ब्रह्मा थे और न शिव थे तो मनु ओम को पूजते थे. ओम कौन है? ओम ही अल्लाह है, जिन्हें आप ईश्वर कहते हैं.

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नई दिल्ली: जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी के ‘ओम’ और ‘अल्लाह’ वाले बयान पर मचा बवाल खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. जमीयत उलेमा-ए-हिंद के 34वें अधिवेशन के आखिरी दिन अरशद मदनी ने कहा था जिनको आप ‘ईश्वर’ कहते हैं उन्हें हम ‘अल्लाह’ कहते हैं. सबसे पहले अल्लाह की आवाज भारत की धरती पर आई. सबसे पहले धरती पर ‘आदम’ और ‘मनु’ थे, उन्होंने एक ‘ओम’ यानि एक ‘अल्लाह’ की इबादत की.

मदनी ने दावा किया था कि मनु ‘ओम’ यानि ‘अल्लाह’ की पूजा करते थे. साथ ही उन्होंने दावा किया की भारत में सबसे पहले इस्लाम आया.

अरशद मदनी के इस बयान के कारण आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया. उनके बयान पर हिंदू, जैन और अन्य समुदाय के लोगों ने आपत्ति जताई है.

जैन मुनि ने जताया विरोध

मौलाना के बयान को लेकर जैन मुनि आचार्य लोकेश मुनि ने नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने कहा, ‘भगवान महावीर जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर थे और भगवान पार्श्वनाथ 23वें तीर्थंकर थे. भगवान ऋषभदेव जैन धर्म के पहले तीर्थंकर हुए और उनके पुत्र का नाम भरत था जिसके नाम पर इस देश का नाम भारत पड़ा.’

जैन मुनि ने आगे कहा, ‘मैं उनकी बातों से सहमत नहीं हूं. मैं क्या सर्वधर्म समाज के संत भी इस बात से सहमत नहीं है. ‘अल्लाह’ या ‘मनु’ को लेकर जो उन्होंने कहानी बताई है उसमें कोई सच्चाई नहीं है. हम केवल प्यार और मोहब्बत से रहने को लेकर सहमत हैं.‘

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विश्व हिंदू परिषद ने साधा निशाना

मौलाना मदनी के बयान को लेकर विश्व हिंदू परिषद ने भी उनपर निशाना साधा है. बीएचपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि जिस तरह से मदनी ने इस्लाम की ‘सर्वोच्चता’ का दावा किया है यह उनकी वास्तविक ‘मानसिकता’ और ‘चरित्र’ को उजागर करता है.

उन्होंने कहा कि उनका दावा बिल्कुल तथ्य विहीन है. उनके बयान में कोई सच्चाई नहीं है.

कौन है मौलाना अरशद मदनी

मौलाना अरशद मदनी दारुल उलूम देवबंद के प्रमुख और जमीयत के धर्मगुरु हैं. दिल्ली के रामलीला मैदान में जमीयत-उलेमा-ए-हिंद के 34वें आम अधिवेशन में मौलाना अरशद मदनी ने सभी धर्मगुरुओं की उपस्थिति में ‘अल्लाह’ और ‘ईश्वर’ एक बताया था जिसके बाद विवाद खड़ा हो गया. उन्होंने कहा, मैंने बड़े-बड़े धर्मगुरुओं से पूछा कि जब कोई नहीं था, न श्री राम थे, न ब्रह्मा थे, न शिव थे, जब कोई नहीं था, तब सवाल पैदा होता है कि मनु पूजते किसे थे?’

उन्होंने कहा कि जब कुछ नहीं था तो मनु ‘ओम’ की पूजा करते थे.

इसके बाद उन्होंने कहा, ‘ इस्लाम भारत में सबसे पुराना धर्म है. हम जिन्हें ‘अल्लाह’ कहते हैं उन्हें आप ‘ईश्वर’ कहते हैं. अंग्रेजी में उसे ‘गॉड’ कहा जाता है और फारसी में ‘ख़ुदा’. मनु शुरू में ‘ओम’ यानि ‘अल्लाह’ की पूजा तो करते थे.’

उन्होंने आगे कहा कि हिंदुओं और मुसलमानों के पूर्वज शुरू में एक ही थे और भारत में सबसे पहले मुस्लिम ही आए थे.


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