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Friday, 17 May, 2024
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जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने उत्तर प्रदेश में मदरसों के सर्वे के खिलाफ बैठक की

इस बैठक में 150 से अधिक मदरसों ने हिस्सा लिया जिसकी अध्यक्षता मौलाना महमूद मदनी ने की. मदनी ने कहा कि वो मामले को सरकार के सामने उठाएंगे.

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नई दिल्ली: दिल्ली में जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने उत्तर प्रदेश में गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे करने के राज्य सरकार के फैसले सहित विभिन्न मुद्दों पर एक बैठक की.

इस बैठक में 150 से अधिक मदरसों ने हिस्सा लिया जिसकी अध्यक्षता मौलाना महमूद मदनी ने की. मदनी ने कहा कि वो मामले को सरकार के सामने उठाएंगे. उन्होंने आगे कहा कि मदरसों में ऐसे बच्चों को शिक्षा दी जाती है जो गरीब के कारण कभी पढ़ाई नहीं कर पाते.

मदनी ने साथ ही कहा कि सरकार को बिना शक के काम करना चाहिए. उन्होंने मीडिया में मदरसों की छवि खराब करने का आरोप लगाते हुए इसकी निंदा की.

जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने असम में सरकार द्वारा मदरसों के खिलाफ की गई कार्रवाई पर चिंता जताते हुए कहा कि वे संबंधित अधिकारियों को आवेदन भेजकर उनसे मिलने का समय लेंगे.

मदनी ने कहा, ‘कोई भी काम गलत तरीके से नहीं करना चाहिए, भले ही वह अच्छा काम ही क्यों न हो. कुछ सुधार करने के लिए हमेशा जगह होती है. जिस तरह से इसे चित्रित किया जा रहा है वह गलत है.’

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उन्होंने कहा कि आपने देखा कि असम में क्या हुआ. अगर यह तरीका अपनाया जाता है तो यह अवैध है.

जमीयत उलेमा ए हिंद के महासचिव नियाज फारूकी ने सरकार की मंशा पर सवाल उटाते हुए कहा कि हमें सर्वे से कोई दिक्कत नहीं है बल्कि हम यह जानना चाहते हैं कि वो इसके जरिए कैसे सुधार करेगी.

जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) के यूपी में गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों और पाठ्यक्रम के सरकारी सर्वे पर सवाल उठाने के एक दिन बाद यह बैठक की है.

एआईएमपीएलबी ने इसे बीजेपी शासित राज्यों द्वारा संस्थानों को ‘निशाना’ बनाना बताया था.


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