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Friday, 15 November, 2024
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जलील ने विजयन के खिलाफ सुरेश के आरोपों की पुलिस जांच की मांग की

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तिरुवनंतपुरम, आठ जून (भाषा) केरल के विधायक एवं पूर्व मंत्री के टी जलील ने बुधवार को पुलिस से सोना तस्करी मामले में मुख्य आरोपी स्वप्ना सुरेश द्वारा मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और उनके परिवार के खिलाफ लगाए गए नये आरोपों के पीछे की कथित साजिश की जांच करने का अनुरोध किया। वहीं विपक्षी कांग्रेस ने जांच सही दिशा में नहीं होने पर विधिक कार्रवाई की चेतावनी दी।

पूर्व में पिनराई विजयन मंत्रिमंडल में उच्च शिक्षा विभाग संभाल चुके जलील मुख्यमंत्री और उनके परिवार के अलावा उन अन्य हाई प्रोफाइल व्यक्तियों में शामिल हैं जिनके खिलाफ सुरेश ने मंगलवार को गंभीर आरोप लगाए थे।

यहां छावनी पुलिस थाने में सुरेश के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के बाद, थवनूर विधायक ने कहा कि मुख्य आरोपी ‘झूठे और मनगढ़ंत’ आरोप लगा रही है और एक अंतराल के बाद अब आरोप लगाये जाने के उसके कदम के पीछे स्पष्ट साजिश है।

उन्होंने थाने के बाहर संवाददाताओं से कहा कि उसका प्रयास दुष्प्रचार के माध्यम से वाम सरकार को अस्थिर करने का है और यह पहली बार नहीं है कि वह इस तरह के आरोप लगा रही है। जलील ने दावा किया, ‘‘वह डेढ़ साल से जेल में थी। यहां तक ​​कि मामले की जांच कर रही केंद्रीय एजेंसियों को भी अब तक कुछ नहीं मिला।’’

सुरेश ने कोच्चि में एक मजिस्ट्रेट अदालत के सामने पेश होने के बाद मंगलवार को कहा कि उसने आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 164 के तहत एक बयान दिया है, जिसमें तस्करी गतिविधियों में मुख्यमंत्री, उनके परिवार के कुछ सदस्यों और शीर्ष नौकरशाहों की भूमिका का वर्णन किया गया है।

आरोपों पर कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए मुख्यमंत्री विजयन और सत्ताधारी एलडीएफ ने आरोपों को निराधार करार देते हुए खारिज कर दिया।

मुख्यमंत्री विजयन को पूर्ण समर्थन देते हुए, माकपा के वरिष्ठ नेता एवं एलडीएफ संयोजक ई पी जयराजन ने आज कहा कि आरोप जानबूझकर गढ़े गए हैं और इस कदम के पीछे कुछ गुप्त ताकतें हैं।

भाजपा की ओर इशारा करते हुए उन्होंने राज्य सरकार से मुख्य आरोपी के खुलासे के पीछे की साजिश का पर्दाफाश करने के लिए व्यापक जांच शुरू करने का आग्रह किया। जयराजन ने आरोपों के मद्देनजर मुख्यमंत्री के इस्तीफे की विपक्ष की मांग को भी खारिज कर दिया।

उन्होंने सवाल किया, ‘‘किस लिए इस्तीफा? कोई जानबूझकर मुख्यमंत्री की छवि खराब करने और उनकी लोकप्रियता को धूमिल करने के लिए कहानियां बना रहा है। क्या आपको लगता है कि अगर कोई कुछ कहता है तो एलडीएफ धाराशायी हो जाएगा?’’

उनके सुर में सुर मिलाते हुए भाकपा प्रदेश सचिव के. राजेंद्रन ने कहा कि वह और उनकी पार्टी मुख्यमंत्री और उनके परिवार के खिलाफ लगाए गए आरोपों को खारिज कर रहे हैं। उन्होंने मीडिया से कहा, ‘‘ एनआईए ने डेढ़ साल तक जांच की है। मीडिया के अलावा और कौन एक आरोपी द्वारा लगाए गए आरोपों को महत्व देगा? यदि उसके पास कोई सबूत है, तो वह उसे प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष प्रस्तुत कर सकती है।’’

हालांकि, राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता वी डी सतीसन ने सवाल किया कि केंद्रीय एजेंसियों ने जांच के दौरान मुख्यमंत्री के खिलाफ सबूतों के साथ सुरेश द्वारा दिए गए बयान की जांच क्यों नहीं की। उन्होंने आरोप लगाया कि मार्क्सवादी पार्टी नेतृत्व और संघ परिवार ताकतों के बीच बिचौलियों के जरिए समझौता होने के बाद सोने की तस्करी मामले की जांच बीच में ही रुक गई।

उन्होंने कहा, ‘‘हम नये खुलासे के मद्देनजर मामले में केंद्रीय एजेंसियों द्वारा अपनाए जाने वाले रुख पर गंभीरता से नजर रख रहे हैं। आरोपों की जांच की जानी चाहिए। अगर इसकी जांच नहीं की जाती है, तो हम निश्चित रूप से इसके बारे में विधिक रास्ते तलाशेंगे। प्रदर्शन भी तेज किये जाएंगे।’’

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भी कहा कि विजयन ने मुख्यमंत्री बने रहने का नैतिक अधिकार खो दिया है।

स्वप्ना सुरेश को सनसनीखेज सोने की तस्करी मामले में गिरफ्तारी के 16 महीने बाद पिछले साल नवंबर में जेल से रिहा किया गया था। यहां संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) वाणिज्य दूतावास की एक पूर्व कर्मचारी सुरेश को 11 जुलाई, 2020 को बेंगलुरु से एक अन्य आरोपी संदीप नायर के साथ एनआईए ने हिरासत में लिया था। इससे पहले 5 जुलाई, 2020 को तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे पर यूएई वाणिज्य दूतावास के राजनयिक सामान से 15 करोड़ रुपये मूल्य के सोने की जब्ती के साथ एक रैकेट का भंडाफोड़ किया गया था। एनआईए, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और सीमा शुल्क ने इसकी अलग-अलग जांच की।

भाषा अमित नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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