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Sunday, 5 May, 2024
होमदेशगांधी जंयती पर जयराम रमेश का RSS-BJP पर निशाना- गोडसे के विचारों, कामों के खिलाफ खड़े होने की अपील

गांधी जंयती पर जयराम रमेश का RSS-BJP पर निशाना- गोडसे के विचारों, कामों के खिलाफ खड़े होने की अपील

कांग्रेस ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को याद करते हुए कहा कि मौजूदा समय में उन लोगों के पाखंड को बेनकाब करना होगा जो गांधीवादी प्रतीकों का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन उनके विचारों पर नहीं चलना चाहते.

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नई दिल्ली : कांग्रेस के संचार प्रभारी महासचिव जयराम रमेश ने सोमवार को उन तत्वों से लड़ने की कसम खाई जो गोडसे के विचारों और कार्यों का महिमामंडन करते हैं. उनका इशारा आरएसएस और बीजेपी के लोगों की तरफ है जो अक्सर महात्मा गांधी के खिलाफ टिप्पणी और महात्मा गांधी के हत्यारे गोडसे का गुणगान करें.

कांग्रेस ने सोमवार को गांधी जयंती के अवसर पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को याद किया और कहा कि मौजूदा समय में उन लोगों के पाखंड को बेनकाब करना होगा जो गांधीवादी प्रतीकों का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन उनके विचारों पर नहीं चलना चाहते.

जयराम रमेश ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया, “इस गांधी जयंती पर, आइए हम देश के विभिन्न हिस्सों, विशेष रूप से वाराणसी, अहमदाबाद और नई दिल्ली में उन गांधीवादी संगठनों के साथ खड़े हों, जो उन ताकतों द्वारा घेराबंदी और हमले का शिकार हैं, जो न केवल जीवन भर महात्मा गांधी से लड़े, बल्कि महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, ऐसा माहौल बनाया, जिससे महात्मा गांधी के विचारों की हत्या हुई. आइए हम उन तत्वों से लड़ने की प्रतिज्ञा लें जो गोडसे के विचारों और कार्यों का महिमामंडन करते हैं.”

रमेश ने कहा, ‘आइए हम इस गांधी जयंती पर उन लोगों के संपूर्ण पाखंड को उजागर करें जो गांधीवादी प्रतीकों – उनके चश्मे, चरखा और छड़ी – को अपनाते हैं और उनकी विरासत को दुनिया के सामने पेश करते हैं, लेकिन उन सभी मूल्यों को बनाए रखने में असमर्थ और अनिच्छुक हैं, जिनकी उन्होंने वकालत की और अंततः अपनी जान दे दी.’

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उन्होंने कहा, ”इस गांधी जयंती पर हमें याद करना चाहिए कि महात्मा गांधी ने पूरी पारदर्शिता और खुलेपन का पालन किया, अपने विरोधियों के प्रति उनमें कोई प्रतिशोध की भावना नहीं थी, उन्होंने कट्टरता, पूर्वाग्रह और नफरत को त्यागने पर जोर दिया और लोगों की भावनाओं को भड़काने के लिए कभी धर्म का दुरुपयोग नहीं किया. प्रतिशोध और दिखावा उनके चरित्र से बहुत दूर था.’

उन्होंने कहा, ‘आइए, हम सभी इस गांधी जयंती पर झूठ पर सत्य की जीत की दिशा में काम करने का संकल्प लें और यह सुनिश्चित करें कि करुणा की राजनीति नफरत, प्रतिशोध और पूर्वाग्रह की राजनीति पर हावी हो.’

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी के कई अन्य नेताओं ने गांधी जयंती के अवसर पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी और कहा कि बापू के विचार आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं.

खरगे ने राजघाट जाकर राष्ट्रपिता को श्रद्धांजलि अर्पित की.

उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘संपूर्ण विश्व को सत्य, अहिंसा एवं शांति के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करने वाले, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सूत्रधार, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के विचार व उनके आदर्श हमारे लिए आज भी प्रासंगिक हैं.’

राहुल ने कहा- भारत जोड़ो का रास्ता महात्मा गांधी ने ही दिखाया था

खरगे ने कहा, ‘सत्य, अहिंसा, शांति एवं समानता जैसे उनके विचारों को आज चुनौती मिल रही है, पर बापू के सिखाए गए मूल्यों पर चल कर ही हम इसका मुकाबला कर रहे हैं.’

राहुल गांधी ने महात्मा गांधी के विचारों से जुड़ा एक वीडियो जारी कर उन्हें याद किया.

उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘सत्य, अहिंसा और सौहार्द का रास्ता, भारत को जोड़ने का रास्ता महात्मा गांधी ने ही दिखाया था. बापू को उनकी जयंती पर शत शत नमन.’

कांग्रेस ने ‘एक्स ‘ पर अपने आधिकारिक हैंडल के माध्यम से पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती पर उन्हें याद किया.

मुख्य विपक्षी दल ने कहा, ‘हम भारत के द्वितीय प्रधानमंत्री और भारत रत्न से सम्मानित लाल बहादुर शास्त्री को अपनी सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं. उन्होंने हमें ‘जय जवान, जय किसान’ का प्रतिष्ठित नारा दिया. हम राष्ट्र के प्रति उनके अत्यंत समर्पण, उनकी विरासत का सम्मान करते हैं.’

महात्मा गांधी का जन्म गुजरात के पोरबंदर में दो अक्टूबर 1869 को हुआ था. उनके जन्मदिन को गांधी जयंती के साथ ही अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है. उन्होंने अंग्रेजी हुकूमत से भारत को आजाद कराने की लड़ाई का नेतृत्व किया था. अहिंसक विरोध का उनका सिखाया सबक आज भी पूरी दुनिया में सम्मान के साथ याद किया जाता है.

शास्त्री भारत के दूसरे प्रधानमंत्री थे. उनका जन्म दो अक्टूबर 1904 को उत्तर प्रदेश में हुआ था. उनकी सादगी और विनम्रता के लोग कायल थे. उन्होंने 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान ‘जय जवान जय किसान’ का नारा दिया था.


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