जयपुर, 27 सितंबर (भाषा) राजस्थान सरकार ने जयपुर ग्रेटर नगर निगम की महापौर सौम्या गुर्जर को मंगलवार को बर्खास्त कर दिया। गुर्जर के खिलाफ यह कार्रवाई जयपुर ग्रेटर नगर निगम के तत्कालीन आयुक्त के साथ कथित तौर पर हाथापाई के मामले में न्यायिक जांच में दोषी पाए जाने पर की गई है। उन्हें महापौर व पाषर्द पद से बर्खास्त किया गया है।
स्वायत्त शासन विभाग ने इस बारे में एक आदेश जारी किया है। विभाग ने गुर्जर को छह साल की अवधि के लिए फिर से चुनाव लड़ने से भी रोक दिया है।
उल्लेखनीय है कि जयपुर ग्रेटर नगर निगम के तत्कालीन आयुक्त यज्ञ मित्र सिंह देव के साथ कथित तौर पर हाथापाई के मामले में भाजपा के दो पार्षद पारस जैन व अजय सिंह तथा एक निर्दलीय वार्ड पार्षद शंकर शर्मा की सदस्यता 22 अगस्त को समाप्त कर दी गई थी। इन पार्षदों को छह साल की अवधि के लिए फिर से चुनाव के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया। इस मामले में गुर्जर के खिलाफ जांच चल रही थी।
वहीं उपमहापौर पुणीत कर्णावट ने महापौर की बर्खास्तगी को राजनीति से प्रेरित बताया है। उन्होंने एक बयान में कहा, “पहले तीन पार्षदों और अब महापौर की बर्खास्तगी राजनीतिक कारणों से और राजनीतिक दुश्मनी से की गई है। एक साधारण घटना का उपयोग इस तरह से करना और निर्वाचित जनप्रतिनिधि की सदस्यता समाप्त करना लोकतंत्र पर हमला है। हम दृढ़ता से इसका विरोध करेंगे और अपने साथियों के अधिकारों के लिए भी लड़ेंगे। अंतिम जीत हमारी होगी।”
उल्लेखनीय है कि पिछले साल चार जून को महापौर के कमरे में आयुक्त और महापौर के बीच तीखी बहस हो गई। आरोपी पार्षदों ने बैठक छोड़कर जा रहे आयुक्त के साथ कथित तौर पर दुर्व्यवहार किया और उसके साथ गाली गलोच की। सरकार ने छह जून को महापौर और तीन पार्षदों को निलंबित कर दिया था। सात जून को सरकार ने शील धाभाई को कार्यवाहक महापौर बनाया। इसके बाद अदालत से मिले स्थगन आदेश के आधार पर सौम्या गुर्जर ने दुबारा महापौर की कुर्सी संभाली। अब गुर्जर के खिलाफ जांच पूरी करने के बाद उन्हें पार्षद और महापौर पद से बर्खास्त कर दिया गया है।
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