नई दिल्ली: अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन कार्यक्रम के बाद पीएम मोदी ने समारोह को संबोधित किया. पीएम ने कहा, ‘कोरोना की वजह से जिस तरह के हालात है, प्रभु राम का मर्यादा का मार्ग आज और अधिक आवश्यक है.वर्तमान की मर्यादा है, दो गज की दूरी और मास्क है जरूरी.’
इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई बार जय श्री राम का उद्घोष भी किया और वहां मौजूद लोगों से भी उद्घोष कराया. पीएम ने कहा आज श्रीराम का यह जयघोष सिर्फ सिया-राम की धरती में ही नहीं सुनाई दे रहा, इसकी गूंज पूरे विश्व में सुनाई दे रही है. सभी देशवासियों को, विश्व में फैले करोड़ों राम भक्तों को आज के इस सुअवसर पर कोटि-कोटि बधाई.
मोदी ने कहा, ‘यह मेरा सौभाग्य है श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने मुझे इस ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बनने का अवसर दिया. आना बड़ा स्वाभाविक भी था क्योंकि राम काज कीने बिन मोहि कहां विश्राम. आज का ये दिन करोड़ों रामभक्तों के संकल्प की सत्यता का प्रमाण है.आज का ये दिन सत्य, अहिंसा, आस्था और बलिदान को न्यायप्रिय भारत की एक अनुपम भेंट है.’
उन्होंने आगे कहा, ‘श्रीराम ने हमें कर्तव्यपालन की सीख दी है, अपने कर्तव्यों को कैसे निभाएं इसकी सीख दी है.उन्होंने हमें विरोध से निकलकर, बोध और शोध का मार्ग दिखाया है. हमें आपसी प्रेम और भाईचारे के जोड़ से राममंदिर की इन शिलाओं को जोड़ना है.’
‘टाट और टेंट में रहे रामलला का होगा भव्य मंदिर’
वर्षों से अदालत में चल रहे केस के कारण भगवान राम को अस्थायी रूप से टेंट में रखा गया था. इस मौके पर पीएम ने कहा,’बरसों से टाट और टेंट के नीचे रह रहे हमारे रामलला के लिए अब एक भव्य मंदिर का निर्माण होगा.टूटना और फिर उठ खड़ा होना, सदियों से चल रहे इस व्यतिक्रम से रामजन्मभूमि आज मुक्त हो गई है. पूरा देश रोमांचित है, हर मन दीपमय है.
कई वर्षों से चल रहे राम आंदोलन को याद करते हुए पीएम मोदी ने एक बार फिर कहा कि सदियों का इंतजार आज समाप्त हो रहा है. हमारे स्वतंत्रता आंदोलन के समय कई-कई पीढ़ियों ने अपना सब कुछ समर्पित कर दिया था. गुलामी के कालखंड में कोई ऐसा समय नहीं था जब आजादी के लिए आंदोलन न चला हो, देश का कोई भूभाग ऐसा नहीं था जहां आजादी के लिए बलिदान न दिया गया हो. कुछ ऐसा ही भगवान राम के इस मंदिर निर्माण को लेकर भी आंदोलन चला और उसका प्रतिफल मिल रहा है.
पीएम ने कहा,’हमें ये सुनिश्चित करना है कि भगवान श्रीराम का संदेश, हमारी हजारों सालों की परंपरा का संदेश, कैसे पूरे विश्व तक निरंतर पहुंचे. कैसे हमारे ज्ञान, हमारी जीवन-दृष्टि से विश्व परिचित हो, ये हम सबकी, हमारी वर्तमान और भावी पीढ़ियों की ज़िम्मेदारी है.मुझे विश्वास है कि श्रीराम के नाम की तरह ही अयोध्या में बनने वाला ये भव्य राममंदिर भारतीय संस्कृति की समृद्ध विरासत का द्योतक होगा.यहां निर्मित होने वाला राममंदिर अनंतकाल तक पूरी मानवता को प्रेरणा देगा.
यह भी पढ़े: राम मंदिर ट्रस्ट के ये प्रमुख 6 चेहरे जिनकी वजह से राम मंदिर को मिल रहा है मूर्त रूप
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा,’राम मंदिर के लिए चले आंदोलन में अर्पण भी था ,तर्पण भी था, संघर्ष भी था, संकल्प भी था. जिनके त्याग, बलिदान और संघर्ष से आज ये स्वप्न साकार हो रहा है, जिनकी तपस्या राममंदिर में नींव की तरह जुड़ी हुई है, मैं उन सबको आज 130 करोड़ देशवासियों की तरफ से नमन करता हूं.
उन्होंने आगे कहा, ‘राम हमारे मन में गढ़े हुए हैं, हमारे भीतर घुल-मिल गए हैं.कोई काम करना हो, तो प्रेरणा के लिए हम भगवान राम की ओर ही देखते हैं. भगवान राम की अद्भुत शक्ति देखिए.इमारतें नष्ट कर दी गईं, अस्तित्व मिटाने का प्रयास भी बहुत हुआ, लेकिन राम आज भी हमारे मन में बसे हैं, हमारी संस्कृति का आधार हैं.श्रीराम भारत की मर्यादा हैं, श्रीराम मर्यादा पुरुषोत्तम हैं.’
पीएम ने कहा,’श्रीराम का मंदिर हमारी संस्कृति का आधुनिक प्रतीक बनेगा.हमारी शाश्वत आस्था का प्रतीक बनेगा, राष्ट्रीय भावना का प्रतीक बनेगा.ये मंदिर करोड़ों-करोड़ों लोगों की सामूहिक शक्ति का भी प्रतीक बनेगा.आज भूमि पूजन का कार्यक्रम अनेक मर्यादाओं के बीच हो रहा है.श्रीराम के काम में मर्यादा का जैसे उदाहरण प्रस्तुत किया जाना चाहिए, वैसा ही उदाहरण देश ने पेश किया है.ये उदाहरण तब भी पेश किया गया था, जब उच्चतम न्यायालय ने अपना फैसला सुनाया था.देश भर के धामों और मंदिरों से लाई गई मिट्टी और नदियों का जल, वहां के लोगों, वहां की संस्कृति और वहां की भावनाएं, आज यहां की शक्ति बन गई हैं.वाकई ये न भूतो न भविष्यति है.
यह भी पढ़े: राम मंदिर की बुनियाद रखने वाले नेताओं के योगदान पर ही भव्य मंदिर का निर्माण संभव हुआ: साध्वी ऋतंभरा
‘एक ओर मोदी एक ओर योगी खड़े हैं’
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास ने कहा कि करोड़ों-करोड़ों की इच्छा है कि रामलला का विराट मंदिर बने, जिसका शुभारंभ आज हो गया है.करोड़ों भक्तों की भावनाओं का आज श्रीगणेश हो गया है.अब विलंब नहीं होना चाहिए. एक ओर मोदी एक ओर योगी खड़े हैं.
भूमिपूजन समारोह में 175 से अधिक मेहमानों को विशेषतौर पर बुलाया गया था. इस दौरान राम मंदिर आंदोलन में अग्रणी रही उमा भारती भी पहुंची हालांकि उन्होंने कल ट्वीट कर मना किया था लेकिन आज सुबह उन्होंने ट्वीट कर जानकारी दी कि वह इस मौके पर मौजूद रहेंगी.
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन राव भागवत ने भी कार्यक्रम के दौरान लोगों को संबोधित करते हुए कहा, ‘ये आनंद का क्षण है. तब के हमारे संघ प्रमुख बालासाहेब देवरस जी ने कहा था कि बहुत लग के 20 से 30 साल काम करना होगा तब जाकर राम मंदिर का काम होगा. 30 साल के प्रारंभ में हमें संकल्प पूर्ति का आनंद मिल रहा है.’
भागवत ने इस दौरान लाल कृष्ण आडवाणी को भी याद करते हुए कहा, ‘आडवाणी जी आज अपने घर में बैठकर इस कार्यक्रम को देख रहे होंगे.’
उन्होंने कहा, ‘राम मंदिर निर्माण के लिए कई लोगों ने प्रयास किए है और अनेक लोगों ने बलिदान दिया और सूक्ष्म रुप में यहां मौजूद है. कुछ लोग ऐसे हैं जो यहां आ नहीं सकते आज पूरे देश में आनंद की लहर है सदियों की आस पूरे होने का आनंद ही सबसे बड़ा आनंद है. जैसे-जैसे मंदिर बनेगा, राम की अयोध्या भी बननी चाहिए. हमारे मन में जो मंदिर बनना चाहिए और कपट को छोड़ना चाहिए. भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए जिस आत्मविश्वास की आवश्यकता थी. जिस आत्मभान की आवश्यकता थी उसका भी शुभारंभ हो रहा है.’
यह भी पढ़े: राम मंदिर के लिए वीएचपी 5 लाख गांवों के 10 करोड़ परिवार तक जाएगी, प्रति परिवार सौ रु. लेने की भी है योजना
‘500 साल की प्रतीक्षा आज पूरी हुई’
पिछल कई महीनों से राम मंदिर के इस भव्य कार्यक्रम के आयोजन में लगे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आज पूरा समय पीएम मोदी के साथ-साथ रहे.
कार्यक्रम में उत्तरप्रदेश के सीएम योगी ने कहा, राम मंदिर के निर्माण कार्य को भले ही राम मंदिर ट्रस्ट करे लेकिन पूरी अवधपुरी के भौतिक विकास और सांस्कृतिक विसारत को क्षुब्ध किए बिना इस नगरी को वैभवशाली बनाने के लिए हम सभी प्रतिबद्ध हैं.
‘जिस अवधपुरी का एहसास कराने के लिए 500 साल से प्रतीक्षा थी उसकी पूरे दुनिया को समस्त भारतवासियों की भावनाओं को मूर्त रूप देने का यह अवसर आज पूरा हुआ है. पांच सदी के बाद आज 135 करोड़ भारतवासियों का संकल्प पूरा हो रहा है. इस घड़ी की प्रतीक्षा में कई पीढ़ियां गुजर चुकी हैं.राम मंदिर के निर्माण का सपना लिए अनेक लोगों ने बलिदान दिया.’
देश में लोकतांत्रिक तरीकों के साथ ही मंदिर का निर्माण किया जा रहा है. पीएम नरेंद्र मोदी की सूझबूझ और प्रयासों के कारण आज ये संकल्प पूरा होने जा रहा है. हमने तीन साल पहले अयोध्या में दीपोत्सव का कार्यक्रम शुरू किया था. आज उसकी सिद्धी हो रही है.