नयी दिल्ली, नौ नवंबर (भाषा) लालकृष्ण आडवाणी को जन्मदिन की बधाई देने के बाद आलोचना का सामना करने वाले कांग्रेस नेता शशि थरूर ने रविवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता के लंबे सार्वजनिक जीवन और सेवा को एक घटना तक सीमित करना अनुचित है।
थरूर ने यह भी कहा कि जब जवाहरलाल नेहरू के पूरे राजनीतिक जीवन का आकलन चीन संबंधी झटके से नहीं किया जा सकता और इंदिरा गांधी का आकलन केवल आपातकाल से नहीं किया जा सकता, तो उनका मानना है कि ‘‘हमें आडवाणी जी के प्रति भी यही शिष्टाचार दिखाना चाहिए।’’
इसकी शुरुआत शनिवार को थरूर द्वारा आडवाणी को उनके जन्मदिन पर शुभकामनाएं दिए जाने के साथ हुई। कांग्रेस नेता ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘आदरणीय श्री लालकृष्ण आडवाणी को उनके 98वें जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं। जनसेवा के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता, उनकी विनम्रता और शालीनता तथा आधुनिक भारत की दिशा तय करने में उनकी भूमिका अमिट है।’’
तिरुवनंतपुरम से सांसद थरूर ने आडवाणी को एक सच्चे राजनेता के रूप में वर्णित किया, जिनका सार्वजनिक जीवन अनुकरणीय रहा है।
थरूर के पोस्ट के जवाब में एक वकील ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘माफ कीजिए श्रीमान थरूर, इस देश में ‘घृणा के बीज’ (खुशवंत सिंह के शब्दों में) फैलाना जनसेवा नहीं है।’’
वकील का संकेत राम जन्मभूमि आंदोलन में आडवाणी की भूमिका की ओर था।
पोस्ट का जवाब देते हुए थरूर ने कहा, ‘‘सहमत हूं संजय उवाच, लेकिन उनकी लंबी सेवा को एक प्रकरण तक सीमित करना, चाहे वह कितनी भी महत्वपूर्ण क्यों न हो, अनुचित है।’’
कांग्रेस नेता थरूर ने कहा, ‘‘नेहरू जी के करियर की समग्रता का आकलन चीन संबंधी झटके से नहीं किया जा सकता, न ही इंदिरा गांधी का आकलन सिर्फ़ आपातकाल से किया जा सकता है। मेरा मानना है कि हमें आडवाणी जी के प्रति भी यही शिष्टाचार दिखाना चाहिए।’’
राष्ट्रीय राजनीति में भाजपा के एक सशक्त नेतृत्व की पटकथा लिखने वाले आडवाणी को इस वर्ष भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, भारत रत्न से सम्मानित किया गया। उन्होंने 1990 में रथयात्रा के माध्यम से राम जन्मभूमि आंदोलन का नेतृत्व किया था।
भाषा अमित नेत्रपाल
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