नई दिल्लीः भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शुक्रवार की सुबह अपने सबसे छोटे रॉकेट एसएसएलवी-डी2 के दूसरे एडिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया है.
आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा के सतीश भवन रॉकेट पोर्ट के पहले लॉन्चपैड से आज सुबह 9:18 बजे इसको लॉन्च किया गया. इसका नाम है स्मॉल स्टैलाइट लॉन्च व्हीकल (एसएसएलवी) और यह यह 156.3 किलोग्राम का है.
SSLV-D2/EOS-07 Mission is accomplished successfully.
SSLV-D2 placed EOS-07, Janus-1, and AzaadiSAT-2 into their intended orbits.
— ISRO (@isro) February 10, 2023
इसरो के अनुसार ये रॉकेट तीन उपग्रहों- इसरो के अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट (एओएस-07), अमेरिका का 10.2 किलोग्राम का जानुस-1 सैटेलाइट भी इसमें जा रहा है और भारतीय स्पेस कंपनी स्पेसकिड्स का AzaadiSAT-2 भी इसमें सवार है, जो करीब 8.7 किलोग्राम का है, को 450 किलोमीटर पर पृथ्वी के ओर्बिट में स्थापित करेगा.
बता दें कि आजादीसैट को देश के ग्रामीण इलाकों से आने वाली 750 लड़कियों ने मिलकर बनाया है. इसमें स्पेसकिड्ज के वैज्ञानिकों ने उनकी मदद की है.
इससे पहले एसएसएलवी की पहली उड़ान एसएसएलवी-डी1 पिछले साल अगस्त महीने में की गई थी, जो कि विफल रही थी.
इसरो के प्रमुख ने सैटेलाइट टीम को बधाई दी.
उन्होंने कहा, ”रॉकेट बनाने के साथ-साथ उन्हें सही ऑर्बिट में लॉन्च करने के लिए सभी 3 सैटेलाइट टीमों को बधाई. हमने एसएसएलवी-डी1 में आने वाली समस्याओं का विश्लेषण किया और उसमें सुधार किए और इस बार रॉकेट को सफल बनाने के लिए उन्हें बहुत तेज गति से लागू किया.”
इसरो ने एसएसएलवी को 550 किलोग्राम की पृथ्वी की निचली कक्षा (एलईओ) तक ले जाने की क्षमता के साथ विकसित किया है. यह छोटे उपग्रहों को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित करने के बाजार पर आधारित है.
एसएसएलवी को इस हिसाब से डिजाइन किया गया है कि यह किफायती हो और उद्योग उत्पादन के लिए अनुकूल हो। यह छोटे उपग्रहों के प्रक्षेपण के लिए है।
पिछले साल रॉकेट की लॉन्चिंग तो ठीक हुई थी, लेकिन बाद में रफ्तार और फिर रॉकेट के सेपरेशन के दौरान दिक्कत आई. इसके चलते लॉन्चिंग को रद्द कर दिया गया था. इसरो ने बताया था कि दोनों सैटेलाइट्स गलत ऑर्बिट में चले गए थे और ये किसी काम के नहीं रह गए थे.
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