नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने रविवार सुबह आंध्र प्रदेश के श्री हरिकोटा से सबसे भारी रॉकेट एलवीएम3 को ब्रिटेन स्थित संचार कंपनी वनवेब के 36 उपग्रहों के साथ लॉन्च किया.
एलवीएम-3 को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सुबह करीब 9 बजे लॉन्च किया गया.
अधिकारियों ने कहा, “इसरो के 43.5 मीटर लंबे और 643 टन वजनी रॉकेट को 24.5 घंटे की उल्टी गिनती समाप्त होने के बाद चेन्नई से करीब 135 किलोमीटर दूर सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में दूसरे लॉन्च पैड से रविवार सुबह नौ बजे लॉन्च किया गया, जो वनवेब के 36 जेनरेशन-1 उपग्रहों की अंतिम खेप को लेकर जा रहा है.”
LVM3-M3🚀/OneWeb 🛰 India-2 mission
is accomplished!All 36 OneWeb Gen-1 satellites injected into the intended orbits
In its 6th consecutive successful flight, LVM3 carried 5805 kg of payload to Low Earth Orbit@OneWeb @NSIL_India
— ISRO (@isro) March 26, 2023
ब्रिटेन की नेटवर्क एक्सेस एसोसिएट्स लिमिटेड (वनवेब ग्रुप कंपनी) ने पृथ्वी की निचली कक्षा (एलईओ) में 72 उपग्रहों को प्रक्षेपित करने के लिए इसरो की वाणिज्यिक शाखा न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड के साथ एक करार किया है. इस करार के तहत यह वनवेब के लिए दूसरा प्रक्षेपण था.
वनवेब ग्रुप कंपनी के लिए पहले 36 उपग्रह 23 अक्टूबर 2022 को प्रक्षेपित किए गए थे.
भारती एंटरप्राइसेस वनवेब समूह में बड़ी निवेशक है. वनवेब अंतरिक्ष से संचालित एक वैश्विक संचार नेटवर्क है जो सरकारों एवं उद्योगों को संपर्क की सुविधा मुहैया कराता है.
एलवीएम-3 एक तीन चरण वाला रॉकेट है, जिसमें पहले चरण में तरल ईंधन, दो स्ट्रैप-ऑन मोटर ठोस ईंधन द्वारा संचालित दूसरे में तरल ईंधन द्वारा और तीसरा क्रायोजेनिक इंजन है.
अधिकारियों ने बताया, “रॉकेट के उड़ान भरने के ठीक 19 मिनट बाद, उपग्रह पृथक्करण की प्रक्रिया शुरू हो गई. 36 उपग्रहों का पृथक्करण चरणबद्ध तरीके से होगा.”
इससे पहले वनवेब उपग्रह संचार कंपनी के सोशल मीडिया हैंडल और इस मिशन में एक भागीदार ने ट्विटर पर कहा, “इस लॉन्च के लिए हमारा गोल्डन ‘हैलो वर्ल्ड’ मिशन पैच इस साल वैश्विक कवरेज की शुरुआत को दर्शाता है.”
वन वेब ने आगे ट्वीट किया, “वनवेब लॉन्च 18 भारत के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से इसरो और एनएसआईएल इंडिया के साथ 36 सैटेलाइट लॉन्च करेगा. यह मिशन भारत से वनवेब की दूसरी उपग्रह तैनाती को चिह्नित करता है, जो यूके और भारतीय अंतरिक्ष उद्योगों के बीच सहयोग को उजागर करता है.”
साल 2022 में 23 अक्टूबर को इसरो ने वनवेब के 36 सैटेलाइट लॉन्च किए. यह दो संगठनों के बीच पहला उपग्रह परिनियोजन सहयोग था.
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