हरियाणा/जसोरखेड़ी : हरियाणा के झज्जर ज़िले के बहादुरगढ़ के एक युवक नवीन कुमार ने आरोप लगाया है कि एक महिला ने उससे नौकरी दिलाने के नाम पर पचास हजार रुपये लिये. ये वही महिला है जिसने सर्वोच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. नवीन जसोरखेड़ी के रहने वाले हैं.
नवीन का आरोप है कि उक्त महिला ने उन्हें नौकरी दिलाने का वादा किया था पर वो मुकर गई और उससे लिए पैसे भी नहीं लौटाए. पैसा वापिस मांगने पर उनको धमकियां दीं गईं. नवीन कुमार ने इस महिला पर फ्रॉड करने के आरोप में एफआईआर दर्ज कराई है. अब इस मामले को आधार बनाकर रंजन गोगोई वाले मामले में उक्त महिला को संदेह के घेरे में खड़ा किया जा रहा है.
मामले पर और जानकारी के लिए दिप्रिंट नवीन कुमार के गांव जसोर खेड़ी पहुंचा. नवीन कुमार को लोग यहां रिंकू के नाम से जानते हैं. उनके गांव पहुंचकर जब उनके घर के बारे में पूछा तो लोगों ने कहना शुरू कर दिया- ‘आप लोग लोन के मामले में आए हैं क्या?’ जब हमने क्लियर किया कि लोन का मामला नहीं, उक्त महिला के कथित फ्रॉड के केस में आए हैं तब लोगों ने हंसते हुए कहा- ‘लोन वाले तो आते रहते हैं यहां.’
जसोरखेड़ी वास्तविकता में दो गांव हैं. जसोर और खेड़ी. दुष्यंत चौटाला की पार्टी जेजेपी से रोहतक लोकसभा सीट से उम्मीदवार प्रदीप देसवाल जसोरखेड़ी के ही हैं. और उनका घर नवीन के घर से लगभग पांच सौ मीटर दूरी पर है.
बहरहाल, जब हम रिंकू उर्फ नवीन के घर पहुंचे, दरवाजा खटखटाया, अंदर से आवाज तो आई लेकिन दरवाजा नहीं खुला, बार-बार कहने पर दरवाजा खुला तो बताया कि डर के मारे दरवाजा भी नहीं खोल रहे हैं.
मीडिया और महिला की आवाज सुनकर मां ने दरवाजा खोला घर में उनकी मां और उनकी पत्नी और छोटा बच्चा मौजूद थे. नवीन घर पर नहीं थे. वो बहादुरगढ़ में स्थित एक कंपनी में काम करते हैं और इधर उनको चंडीगढ़ भेज दिया गया है. उनकी मां ने बताया- ‘एफआईआर और इस मामले के बारे में हमें तो दस-पंद्रह दिन पहले ही पता चला. ये लोग ताकतवर हैं ना, हम तो केस वापस ले लें तो भी फंसा सकते हैं. पर हम अपने बेटे को समझा रहे हैं कि केस वापस ले ले. मेरे बेटे को कई लोगों ने धमकियां भी दी हैं केस वापस लेने के लिए.’
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रिंकू के पिताजी मध्य प्रदेश में ट्रक चलाते हैं. बीवी और मां दोनों सिलाई का काम भी करती हैं. घर में एक भैंस है. मां उसी का दूध निकालने जा रही थीं. हालांकि इस बीच रिंकू से इनकी बात हुई और उन्होंने पत्रकारों से बात करने से मना कर दिया. क्योंकि एक मीडिया हाउस ने उनकी मां की तस्वीरें खींचकर छाप दी थीं. इस वजह से रिंकू की मां का पूरे दिन सिरदर्द करता रहा और वो बहुत दुखी थीं.
दिप्रिंट से बातचीत में रिंकू की मां ने उक्त महिला का ज़िक्र नहीं किया. वो बार-बार ‘उन लोगों’ या ‘ताकतवर लोगों’ का ज़िक्र कर रही थीं. यही बात गांव के एक व्यक्ति से पता चली. उस व्यक्ति ने नाम ना बताने की शर्त पर कहा- ‘पैसे लेकर नौकरी दिलाने का धंधा तो बहुत जगह चलता है. इस मामले में भी कुछ ऐसा चल रहा था. कई लोग शामिल थे. सिर्फ वो औरत ही नहीं थी. पर ये संभावना है कि महिला का मामला (सर्वोच्च न्यायालय और सीजेआई के जुड़ने) आने के बाद कुछ लोगों ने नवीन पर एफआईआर करने के लिए दबाव बनाया है. नवीन खुद ऐसा नहीं कर सकता.’
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नवीन के घर से कुछ दूर पर डॉक्टर प्रदीप और कुछ लोग मिले. उन लोगों ने बताया- ‘नवीन सीधा लड़का है. सीधा आना, सीधा जाना. किसी से कोई बैर नहीं. ये कुनबा भी ऐसा ही है. पचास हज़ार इनके फंस गये. उन्होंने ये पैसे भी किसी से ब्याज पर ही जुटाया होगा.’
नवीन की मां टीवी पर चेहरा दिखाए जाने से दुखी हैं. अपने पड़ोसियों से भी दुखी हैं. सबके फोन में वही वीडियोज़ और खबरें चल रही हैं. एक तरफ रंजन गोगोई और उक्त महिला का मामला है जिसमें चीफ जस्टिस ताकतवर नज़र आ रहे हैं. दूसरी तरफ महिला और उनके साथियों का कथित समूह है जो नवीन की तुलना में ताकतवर नज़र आ रहा है. वहीं अगर नवीन के गांव के लोगों की बात पर यकीन करें तो नवीन पर केस करने के लिए ही प्रेशर बनाया जा रहा है. नवीन द्वारा किया गया केस भी अचानक हुआ है.
रंजन गोगोई पर लगे आरोप और नवीन के केस को जोड़ा जाना भी अचानक हो रहा है. यौन शोषण और फ्रॉड के मामले को एक साथ जोड़ना उचित नहीं है. एक मामले में जो व्यक्ति कथित रूप से शोषित है वहीं दूसरे मामले में कथित रूप से धोखेबाज़ है. लेकिन इससे किसी का जुर्म कम या ज़्यादा नहीं हो सकता. बहरहाल, दोनों मामले कोर्ट में हैं और देखना होगा कि क्या नतीजा निकलता है.
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई पर सुप्रीम कोर्ट में ही काम कर चुकी एक महिला ने यौन शोषण के आरोप लगाये हैं. ये आरोप यहीं तक नहीं खत्म नहीं होते, बल्कि महिला का दावा है कि चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के प्रभाव में आकर महिला के पूरे परिवार के लोगों की नौकरियां तक छुड़वा दी गई हैं और उन्हें धमकाया जा रहा है. वहीं रंजन गोगोई ने इस पूरे मामले को फर्जी बताते हुए न्यायालय पर गंभीर संकट बताया है. इन दो पाटो के बीच एक नौकरी की आस लिए युवक का केस फंस गया है जिसकी जेब से पैसे भी निकल गए और नौकरी भी न मिली. और अब चौतरफा दबाव के चलते वो अब गांव से भी दूर है.