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Tuesday, 26 November, 2024
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IRCTC घोटाला मामला: CBI ने तेजस्वी के खिलाफ जमानत रद्द करने की मांग की, कोर्ट ने जारी किया नोटिस

विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने शनिवार को सीबीआई की दलीलें सुनने के बाद तेजस्वी यादव को नोटिस जारी कर उनका जवाब मांगा और मामले को 28 सितंबर 2022 के लिए सूचीबद्ध कर दिया.

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नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने शनिवार को बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के खिलाफ जमानत रद्द करने की अर्जी के खिलाफ दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट का रुख किया. इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC) घोटाला मामले में याचिका दायर की गई है.

विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने शनिवार को सीबीआई की दलीलें सुनने के बाद तेजस्वी यादव को नोटिस जारी कर उनका जवाब मांगा और मामले को 28 सितंबर 2022 के लिए सूचीबद्ध कर दिया. यादव ने एक संवाददाता सम्मेलन में कथित तौर पर सीबीआई अधिकारियों को धमकी दी थी.

सीबीआई ने अपनी याचिका में कहा कि तेजस्वी यादव ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए सीबीआई अधिकारियों को धमकाया था, जिससे मामला प्रभावित हुआ.

केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के सूत्रों ने कहा, ‘एजेंसी ने बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के उस बयान को गंभीरता से लिया है, जिसमें उन्होंने केंद्रीय एजेंसी पर हमला करते हुए कहा था, ‘क्या उनका कोई परिवार नहीं है’ क्या वे किसी दिन सेवानिवृत्त नहीं होंगे ‘केवल यह पार्टी सत्ता में रहती है.’ यह उन आधारों में से एक है जिस पर याचिका रद्द करने की मांग की जा रही है.

सीबीआई ने 2017 में तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव और अन्य के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया था.

स्पेशल जज गीतांजलि गोयल ने बिहार के डिप्टी सीएम को 28 सितंबर के लिए नोटिस जारी किया है.

इससे पहले अदालत ने आईआरसीटीसी घोटाला मामले में सीबीआई द्वारा दायर आरोपपत्र पर संज्ञान लेते हुए तेजस्वी यादव और अन्य को जमानत दे दी थी. अदालत ने कहा कि यह मामला एक निजी फर्म को आईआरसीटीसी के दो होटलों के संचालन का ठेका देने में कथित अनियमितताओं से संबंधित है.

इस मामले में पूर्व केंद्रीय रेलवे लालू प्रसाद यादव और उनकी पत्नी राबड़ी देवी भी आरोपी हैं. लालू प्रसाद ने 2004 से 2009 तक केंद्रीय रेल मंत्री के रूप में भी कार्य किया था.

आरोप पत्र में लालू प्रसाद और उनके परिवार के सदस्यों के अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रेमचंद गुप्ता और उनकी पत्नी सरला गुप्ता, अग्रवाल, आईआरसीटीसी के तत्कालीन प्रबंध निदेशक पी के गोयल और आईआरसीटीसी के तत्कालीन निदेशक राकेश सक्सेना का नाम भी शामिल था.

सीबीआई ने पिछले साल जुलाई में मामला दर्ज किया था और मामले के सिलसिले में पटना, रांची, भुवनेश्वर और गुड़गांव में 12 स्थानों पर तलाशी ली थी.

चार्जशीट के अनुसार 2004 से 2014 के बीच एक साजिश रची गई जिसके तहत पुरी और रांची स्थित भारतीय रेलवे के बीएनआर होटलों को पहले आईआरसीटीसी को ट्रांसफर किया गया और बाद में इसके संचालन, रखरखाव और रखरखाव के लिए सुजाता होटल प्राइवेट लिमिटेड को पट्टे पर दिया गया था, जो पटना में स्थित है.

आरोप है कि टेंडर प्रक्रिया में धांधली और हेराफेरी की गई और निजी पार्टी (सुजाता होटल्स) की मदद के लिए शर्तों में बदलाव किया गया.

यह भी दावा किया गया कि विनय कोचर ने 25 फरवरी, 2005 को पटना में तीन एकड़ जमीन के रूप में 10 बिक्री विलेखों के माध्यम से डिलाइट मार्केटिंग को 1.47 करोड़ रुपये में वाणिज्यिक संपत्ति बेची, जिसमें लालू प्रसाद की ओर से सरला गुप्ता एक फ्रंट बेनामी धारक के रूप में निदेशक थीं.


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