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Sunday, 28 April, 2024
होमदेशहाथरस में रेप से इनकार करने वाले IPS प्रशांत कुमार कांवड़ियों पर फूल बरसाकर आए थे चर्चा में

हाथरस में रेप से इनकार करने वाले IPS प्रशांत कुमार कांवड़ियों पर फूल बरसाकर आए थे चर्चा में

1990 बैच के आईपीएस प्रशांत मई में एडीजी का पद संभालने से पहले मेरठ जोन में डीआईजी थे. अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कावंड़ियों पर फूल बरसाए थे जिससे वह काफी चर्चा में रहे थे.

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लखनऊ : हाथरस केस में रेप की बात से इनकार वाले बयान से यूपी के एडीजी (लाॅ एंड आर्डर) प्रशांत कुमार चर्चा में हैं. विपक्षी दल इसको लेकर सरकार और पुलिस की मंशा पर सवाल उठा रहे हैं, तो बीजेपी नेता प्रशांत के बयान को आधार बना रहे हैं. 1990 बैच के आईपीएस प्रशांत मई में एडीजी का पद संभालने से पहले मेरठ जोन में डीआईजी थे. अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कावंड़ियों पर फूल बरसाए थे जिससे वह काफी चर्चा में रहे थे.

दरअसल अगस्त 2018 में जब यूपी में कांवड़ यात्रा चल रही थी तो डीआईजी पद पर रहते हुए प्रशांत ने उसका हवाई मुआयना किया और कावड़ियों के पथ पर पुष्प (फूल) वर्षा करते नजर आए. वह हेलीकाॅप्टर के अंदर से ही फूल बरसा रहे थे. बता दें कि पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में चल रही कांवड़यात्रा पर नजर बनाए रखने के लिए योगी सरकार ने तीन दिनों के लिए हेलीकॉप्टर की व्यवस्था की थी. इसी के तहत मेरठ पुलिस लाइन से उड़ान भरने के बाद एडीजी प्रशांत कुमार ने मुजफ्फरनगर में कावड़ियों के रास्ते में आसमान से फूल बरसाए.


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इस पर जब सवाल उठे तो प्रशांत ने अपने बचाव में कहा कि इसे धार्मिक एंगल से न देखा जाए. स्वागत के लिए फूलों का इस्तेमाल होता है. प्रशासन हर धर्म का सम्मान करता है.

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एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के कारण बने ‘फेवरिट’

आईपीएस प्रशांत कुमार की पहचान एनकाउंटर स्पेशलिस्ट भी माना जाता है. योगी सरकार बनने के बाद पश्चिम यूपी में अधिक एनकाउंटर हुए. मई 2020 में एडीजी लाॅ एंड आर्डर बनने से पहले इस प्रशांत मेरठ ज़ोन के डीआईजी रहे. इस दौरान कई अपराधियों के एनकाउंटर हुए. स्थानीय मीडिया में उन्हें एनकाउंटर स्पेशलिस्ट कहा जाने लगा. यूपी पुलिस से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, ‘एनकाउंटर स्पेशलिस्ट’ का टैग प्रशांत के काफी काम आया जिसके बात उन्हें एडीजी लाॅ एंड आर्डर जैसा अहम पद मिला. प्रशांत के एडीजी बनते ही बीते जुलाई के महीने में बिकरू कांड हुआ जिसमें आरोपी विकास दुबे का नाटकीय अंदाज में एनकाउंटर हुआ.

बता दें कि यूपी के सीएम योगी पर विपक्षी नेता अक्सर ‘ठोंक दो’ नीति पर दिए गए बयान के कारण घेरती है और योगी सरकार इसे सबसे बड़ा अचीवमेंट बताती हैं.

मूलत: बिहार के रहने वाले प्रशांत कुमार का चयन 1990 में तमिलनाडु कैडर में हुआ था. 1994 में यूपी कैडर की आईएएस डिम्पल वर्मा से शादी के बाद वह यूपी कैडर में ट्रांसफर हो गए. भदोही, पौरी गढ़वाल( अब उतराखंड का हिस्सा) , सोनभद्र, जौनपुर, गाजियाबाद, फैजाबाद (अब अयोधया), बाराबंकी और सहारनपुर जिलों में वह एसपी व एसएसपी के तौर पर पोस्टेड रहे हैं. वहीं डीआईजी के तौर पर प्रशांत मेरठ, मिर्जापुर, फैजाबाद व सहानपुर रेंज में तैनात रहे हैं

हाथरस रेप पर दिया बयान

प्रशांत कुमार ने बीते मंगलवार को अपने मीडिया स्टेटमेंट में दावा किया था कि हाथरस में 19 साल की युवती के साथ रेप नहीं हुआ. उन्होंने कहा था कि युवती की मौत गले में चोट लगने और उसके कारण हुए सदमे की वजह से हुई थी. प्रशांत के मुताबिक, ‘फॉरेंसिक साइंस लैब की रिपोर्ट से भी यह साफ जाहिर होता है कि उसके साथ बलात्कार नहीं हुआ. सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने और जातीय हिंसा भड़काने के लिए कुछ लोग तथ्यों को गलत तरीके से पेश कर रहे हैं.’

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