नयी दिल्ली, सात दिसंबर (भाषा) भारतीय भेषज संहिता आयोग (आईपीसी) ने दर्दनिवारक दवा ‘मेफटॉल’ के प्रतिकूल प्रभावों के बारे में सचेत रहने को लेकर स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों और मरीजों को एक अलर्ट जारी किया है।
यह दवा आमतौर पर मासिकधर्म के दौरान होने वाले दर्द और रूमेटाइड गठिया के दर्द से राहत पाने के लिए इस्तेमाल की जाती है।
मेफनेमिक एसिड दर्दनिवारक का इस्तेमाल रूमेटाइड गठिया, ऑस्टियोआर्थराइटिस, हल्के से मध्यम दर्जे के दर्द, सूजन, बुखार और दांत दर्द से राहत पाने में किया जाता है।
आयोग ने अपने अलर्ट में कहा कि ‘फार्माकोविजिलेंस प्रोग्राम ऑफ इंडिया’ (पीवीपीआई) डेटाबेस से दवा के प्रतिकूल असर के प्रारंभिक विश्लेषण में ओसिनोफिला एवं सिस्टेमेटिक सिम्टम्स के प्रति दवा का रिएक्शन दिखाई दिया।
यह अलर्ट 30 नवंबर को जारी किया गया और इसमें कहा गया कि ‘‘स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों, रोगियों-उपभोक्ताओं को सलाह दी जाती है कि वे संदिग्ध दवा के इस्तेमाल से जुड़ी उपरोक्त प्रतिकूल प्रतिक्रिया (एडीआर) की संभावना पर बारीकी से नजर रखें।’’
भाषा शोभना संतोष
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