नई दिल्ली: आधी आबादी अब बराबरी और कंधे से कंधा मिलाने को पूरी तरह से तैयार है. आकाश से लेकर पाताल तक महिलाओं ने अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया है और लोहा भी मनवाया है. दुनिया को बताया है कि हम कम नहीं. 110 साल से अधिक समय से महिला दिवस मनाया जा रहा है भले ही आज भी बराबरी और हक की लड़ाई में महिलाओं को अपने आपको दुगुना साबित करना पड़ता हो शायद अभी इस लड़ाई में और भी समय लगे लेकिन इस बात से नजरअंदाज नहीं किया जा सकता कि समय बदला है, कई चीजें बदलीं हैं लेकिन महिलाओं की लड़ाई अभी जारी है.
आज हम तीन सश्क्त महिलाओं से मिलवा रहे हैं जो अलग अंदाज में सामने आईं और सेंसेशन बन गईं. झारखंड की कांग्रेस पार्टी की विधायक अंबा प्रसाद खुद को सशक्त दिखाते हुए घोड़े पर सवार होकर विधानसभा पहुंची.
उनके इस अंदाज ने न केवल महिलाओं को शक्ति का एहसास कराया पुरुष सहभागियों ने उनकी शान में ताली बजाई.
अंबा प्रसाद बोली, ‘महिला दिवस के मौके पर प्राउड फील कर रही हूं. हर महिला दुर्गा, झांसी की रानी होती है, उसे हर चुनौती का डटकर सामना करना चाहिए. माता-पिता को अपनी बेटियों को शिक्षित करना चाहिए क्योंकि महिलाएं हर क्षेत्र में अच्छा कर रही हैं.’
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकानाएं देते हुए अंबा प्रसाद ने ट्विट किया, ‘सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक सभी क्षेत्रों में महिलाओं की 50% भागीदारी से देश और राज्य अपने 100% सामर्थ्य को पा सकते हैं. हम सब मिलकर इसके लिए काम करें. बेटियों को वही शक्ति दें जो बेटे को देते हैं.
अंबा बड़कागांव से कांग्रेस की विधायक हैं.
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की सभी को हार्दिक शुभकानाएँ।
सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक सभी क्षेत्रों में महिलाओं की 50% भागीदारी से देश और राज्य अपने 100% सामर्थ्य को पा सकते हैं। हम सब मिलकर इसके लिए काम करें। बेटियों को वही शक्ति दें जो बेटे को देते हैं।#InternationalWomensDay https://t.co/nHaO8vgEHu
— Amba Prasad (@AmbaPrasadINC) March 8, 2022
अंबा प्रसाद पहले भी कई बार अपने अनोखे अंदाज के लिए सुर्खियों में रह चुकी है. पिछले साल (8 मार्च 2021) भी वह ऐसे ही विधानसभा पहुंची थी.
Jharkhand: Congress MLA Amba Prasad arrives at the Assembly riding a horse in Ranchi.
"This horse has been gifted to me by Colonel (retired) Ravi Rathore on the occasion of #InternationalWomensDay," she says. pic.twitter.com/fwBnoAzAuG
— ANI (@ANI) March 8, 2021
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महिला दिवस के अवसर पर आप जिन चीजों को आम दिनों में नजरअंदाज कर देते हैं इस खास दिन आपको एहसास होता है कि वो महिलाएं समाज में कितना अलग हटकर काम कर रही हैं. ऐसी ही हैं शिमला की मीनाक्षी नेगी. मीनाक्षी शिमला में टैक्सी चलाती हैं. मीनाक्षी ने बचपन में ड्राइवर बनने का सपना देखा, पहाड़ों में वादियों को खुद के बहुत करीब पाती हैं. नेगी ने कहा, ‘मैंने ड्राइवर बनना चुना. हमारे पास कोई आर्थिक तंगी नहीं है क्योंकि मेरे पति एक सरकारी नौकरी में हैं. मुझे पहाड़ियों में ड्राइविंग करना पसंद है और यह मेरा जुनून है.’
मीनाक्षी रोजाना सुबह 9 बजे से लेकर रात 8 बजे टैक्सी चलाती है. कभी तो सुबह 5 से रात 12 बजे तक भी गाड़ी चलाती हैं. मीनाक्षी की 2 बेटियां हैं. बड़ी बेटी 12वीं और छोटी बेटी 8वीं क्लास में पढ़ती है.
International Women's Day: Himachal cabbie storms male-dominated drivers' den
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— ANI Digital (@ani_digital) March 8, 2022
नेगी के लिए एक कमर्शियल ड्राइवर का पेशा एक विकल्प था, क्योंकि वह राज्य की सुरम्य पहाड़ियों से प्यार करती थी और साथ ही उसे किसी भी तरह की आर्थिक तंगी का सामना नहीं करना पड़ता था, क्योंकि उसका पति एक सरकारी नौकरी में है. नेगी वास्तव में साहस और सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण के मार्ग पर महिलाओं द्वारा उठाए गए लंबे कदमों को दर्शाती है क्योंकि आज दुनिया अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मना रहा है.
ऑटो चालक, कॉमर्शियल वेहिकिल चलाने वाली महिलाओं पर तो कई बार बात हुई है लेकिन हम आपको एक ऐसी महिला से मिलवा रहे हैं जो एंबुलेंस चलाती है.
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हिमाचल की पहली एंबुलेंस चालक महिला
हिमाचल प्रदेश की नैंसी कतनौरिया राज्य की पहली महिला एंबुलेंस चालक बनकर दिखाया. 102 एंबुलेंस की चालक बनकर नैंसी अन्य युवतियों के लिए प्रेरणा बनी. नैंसी ने अपनी मां का सपना पूरा किया. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर जिला हमीरपुर के नादौन तहसील के कश्मीर गांव की नैंसी ने बताया कि वह सातवीं कक्षा से ही दोपहिया वाहन चलाने लग पड़ी थीं.
नैंसी की इस उपलब्धि के लिए हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ने सोलन में प्रशस्ति पत्र देकर उसे सम्मानित भी किया था. नैंसी ने कहा कि एक साल पहले वह हिमाचल पथ परिवहन निगम(एचआरटीसी) से अपना लाइसेंस ले चुकी हैं. अब 102 एंबुलेंस चलाकर लोगों की सेवा कर रही हैं. नैंसी की इस कामयाबी से उनकी माता, पिता और पूरे परिवार में खुश है.
कन्याकुमारी तक बीएसएफ सीमा भवानी शौर्य अभियान
वही दूसरी तरफ बीएसएफ यानी सीमा सुरक्षा बल की महिला मोटर साइकिल टीम ‘सीमा भवानी’ गणतंत्र दिवस पर देश को सलाम करने के बाद अगले मिशन के लिए तैयार है.
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर दिल्ली से कन्याकुमारी तक बीएसएफ सीमा भवानी शौर्य अभियान ‘सशक्तिकरण सवारी-2022’ को आज हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया.
बीएसएफ सीमा भवानी ऑल-वुमन डेयरडेविल मोटरसाइकिल टीम के 36 सदस्य देश भर में महिला सशक्तिकरण का संदेश फैलाते हुए 5280 किमी की यात्रा करेंगे.
BSF Seema Bhawani Shaurya expedition 'Empowerment Ride-2022' from Delhi to Kanniyakumari flagged off today
36 members of BSF Seema Bhawani All-Women Daredevil Motorcycle Team will travel 5280km spreading message of women empowerment across the nation: Inspector Himanshu Sirohi pic.twitter.com/752Vrv2OSm
— ANI (@ANI) March 8, 2022
सीमा भवानी के इस अभियान का उद्देश्य देश की बेटियों को जागरूक करना कि वह हर कार्य में सक्षम हैं. इंस्पेक्टर हिमांशु सिरोही के अनुसार उनकी 36 सदस्यों की टीम में 25 साल की युवा से 40 साल की महिलाएं शामिल हैं.
दिल्ली से अमृतसर के वाघा बॉर्डर होते हुए गंगानगर, बीकानेर, जोधपुर से यह मोटर साइकिल रैली गुजरात में स्टेच्यू ऑफ यूनिटी तक पहुंचेगी. यहां से हैदराबाद, बेंगलुरु, कन्याकुमारी तक शौर्य अभियान चेन्नई में पूरा होगा. इस सफर के दौरान सीमा भवानी के प्रदर्शन को दिखाने वाले कुछ आयोजन भी होंगे, जिसमें महिला सशक्तीकरण का संदेश दिया जाएगा.
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