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Monday, 6 October, 2025
होमदेशसीबीआई जांच के जरिए भर्ती प्रक्रिया को बाधित करने की मंशा: सीएम मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी

सीबीआई जांच के जरिए भर्ती प्रक्रिया को बाधित करने की मंशा: सीएम मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी

धामी ने कहा कि परीक्षा के दौरान हुई गड़बड़ी की जांच के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश की देखरेख में एक विशेष अन्वेषण दल (एसआईटी) का गठन किया है जो एक माह में जांच पूरी करेगा और उसकी छाबीन के आधार पर इस मामले में निर्णायक कार्रवाई की जाएगी.

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देहरादून: उत्तराखंड बेरोजगार संघ और कांग्रेस की पेपर लीक प्रकरण की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराए जाने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बृहस्पतिवार को कहा कि यह राज्य में भर्ती प्रकिया को उलझाने और भटकाने की मंशा है.

हालांकि, उन्होंने साफ किया कि प्रदेश में भर्ती प्रक्रिया अनवरत रूप से जारी रखी जाएगी और सभी रिक्त पदों को भरा जाएगा.

यहां पंडित दीन दयाल उपाध्याय शैक्षिक उत्कृष्टता पुरस्कार समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले चार सालों में पारदर्शिता के साथ भर्ती परीक्षाएं संपन्न हुईं और 25 हजार युवाओं को नौकरी मिली जबकि राज्य बनने के 21 सालों में केवल 16 हजार नियुक्तियां हुईं थीं.

हालांकि, उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को यह रास नहीं आ रहा है कि युवाओं को पारदर्शी तरीके से सरकारी नौकरी मिले और वे संगठित रूप से पेपर लीक कराने का षडयंत्र रच रहे हैं तथा एक शिकायत के आधार पर अराजकता का माहौल बना दिया गया है.

मुख्यमंत्री ने कहा, “बहुत सारे लोगों की मंशा है कि पेपर लीक, अराजकता के नाम पर या जांचों के नाम पर इसको (भर्ती प्रक्रिया को) उलझाया दिया जाए, भटका दिया जाए.”

उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि दिल्ली में तथा राज्य के बहुत से लोग जो सीबीआई के खिलाफ बोलते रहे हैं, वे ही आज इस मामले में सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं.

धामी ने कहा कि सीबीआई जांच की एक प्रक्रिया होती है जो कई सालों तक चलती है और इस दौरान सारी भर्ती प्रक्रिया स्थगित हो जाती है.

उन्होंने कहा, “लेकिन हम भर्ती परीक्षाओं को बिल्कुल रूकने नहीं देंगे और जितने भी पद रिक्त हैं, उन्हें पूरा भरेंगे.”

मुख्यमंत्री ने रविवार को हुई घटना को पेपर लीक की जगह ‘नकल’ का प्रकरण बताया और कहा कि अगर किसी को प्रश्नपत्र के कुछ प्रश्न मिल गए थे तो पुलिस या प्रशासन तक यह बात पहुंचाना उसकी जिम्मेदारी थी लेकिन एक एजेंडे के तहत कई घंटों तक इसे छुपाए रखा गया और बाद में सोशल मीडिया पर जारी कर परीक्षा प्रणाली को बदनाम करने का षडयंत्र किया गया .

धामी ने कहा कि परीक्षा के दौरान हुई गड़बड़ी की जांच के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश की देखरेख में एक विशेष अन्वेषण दल (एसआईटी) का गठन किया है जो एक माह में जांच पूरी करेगा और उसकी छाबीन के आधार पर इस मामले में निर्णायक कार्रवाई की जाएगी.

उन्होंने कहा, “हमारी सरकार राज्य में एक-एक नकल माफिया को चुन-चुन कर गिरफ्तार करेगी और उसे सजा दिलाएगी.”

मुख्यमंत्री ने कहा, “हमारी नीति और नीयत दोनों साफ है कि प्रदेश में हर छात्र की प्रतिभा, योग्यता और क्षमता के साथ हर कीमत पर न्याय होगा.”

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) द्वारा 21 सितंबर को विभिन्न विभागों के लिए आयोजित स्नातक स्तरीय परीक्षा के एक प्रश्नपत्र के तीन पन्ने कथित तौर पर लीक हो जाने के बाद प्रदेश में हड़कंप मच गया.

पुलिस ने इस मामले में परीक्षा में अभ्यर्थी के रूप में शामिल हुए मुख्य आरोपी खालिद मलिक और उसकी बहन साबिया को हरिद्वार से गिरफ्तार किया है .

प्रकरण की सीबीआई जांच कराए जाने की मांग को लेकर उत्तराखंड बेरोजगार संघ के बैनर तले छात्र यहां परेड ग्राउंड के बाहर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं जबकि कांग्रेस ने भी इसी मांग को लेकर शुक्रवार को सभी जिला मुख्यालयों पर राज्य सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन करने की घोषणा की है.

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.


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