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Thursday, 14 November, 2024
होमदेशट्रेन से गिरकर घायल हुए यात्री को मुआवजे का भुगतान करने का रेल दावा अधिकरण को निर्देश

ट्रेन से गिरकर घायल हुए यात्री को मुआवजे का भुगतान करने का रेल दावा अधिकरण को निर्देश

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मुंबई, 25 मई (भाषा) बम्बई उच्च न्यायालय ने रेल दावा अधिकरण को 55 वर्ष के उस व्यक्ति को उचित मुआवजा देने का निर्देश दिया है, जो 2004 में महानगर में चलती लोकल ट्रेन से गिर गया था और गंभीर रूप से घायल हो गया था।

न्यायमूर्ति एस के शिंदे ने हरीश दामोदर द्वारा दायर एक अपील पर सुनवायी करते हुए कहा कि केवल इसलिए कि उनके पास अपने सीजन पास के साथ कोई वैध पहचानपत्र नहीं था, उनके दावे को खारिज करने का कोई कारण नहीं था।

दामोदर ने अधिकरण के 2009 के आदेश को चुनौती दी थी जिसमें चार लाख रुपये के मुआवजे की उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी।

दामोदर की याचिका के अनुसार वह उपनगरीय मुलुंड से शहर में छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस तक की यात्रा कर रहे थे और रास्ते में वह मध्य मुंबई में दादर स्टेशन के पास गिर गए। उनकी याचिका के अनुसार, उन्हें गंभीर चोटें आईं और उन्हें कई सर्जरी से गुजरना पड़ा। याचिका के अनुसार जब दामोदर ने नियमों के अनुसार मुआवजे की मांग करते हुए रेल दावा अधिकरण का रुख किया, तो उसने इस आधार पर उनके दावे को खारिज कर दिया कि हालांकि दुर्घटना के समय उनके पास एक वैध रेलवे पास था, लेकिन उनके पास कोई पहचान पत्र नहीं था।

दामोदर की अपील पर सुनवाई के दौरान, अधिकरण ने रेल मंत्रालय के एक निर्देश का हवाला दिया जिसमें कहा गया है कि एक व्यक्ति को ‘वास्तविक यात्री’ माने जाने के लिए लोकल ट्रेन पास के साथ एक वैध पहचान पत्र प्रस्तुत करना होगा। यह तर्क दिया कि चूकि दामोदर बिना पहचानपत्र के यात्रा कर रहे थे, उनका दावा ‘‘स्वीकार्य नहीं’’ है।

उच्च न्यायानय ने कहा कि यह वैध आधार नहीं हो सकता। अदालत ने कहा कि अधिकरण को उसके आवेदन पर पुनर्विचार करना चाहिए और वह ‘‘अपीलकर्ता को इस साल 31 जुलाई तक कानून के अनुसार मुआवजा देने के लिए आगे बढ़े।’’

भाषा अमित उमा

उमा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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