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Tuesday, 23 December, 2025
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मां, बेटी को अदालत के समक्ष पेश करने का पुलिस को निर्देश

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नयी दिल्ली, 22 जून (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश में कथित तौर पर माता-पिता के अवैध कब्जे में रखी गयी एक महिला और उसकी नाबालिग बेटी को अदालत के समक्ष पेश करने का बुधवार को राजधानी पुलिस को निर्देश दिया।

न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने दिल्ली पुलिस से महिला और उसकी सात साल की बच्ची को शुक्रवार को अपने समक्ष पेश करने को कहा।

अदालत महिला के पति की ओर से दायर एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें अधिकारियों को उसकी पत्नी और बेटी को पेश करने का निर्देश देने की मांग की गई थी।

वकील अनुराग प्रताप के जरिये दायर याचिका में याचिकाकर्ता ने कहा है कि उसने इस साल जनवरी में एक विधवा से शादी की थी, जिसकी पहले से एक बेटी थी। याचिका में कहा गया है कि महिला के परिवार के सदस्य और उसके मृत पति के परिजन याचिकाकर्ता और विधवा के अंतरजातीय विवाह के खिलाफ हैं और उन्हें धमकी दे रहे हैं।

याचिका में दावा किया गया है कि महिला के परिजनों ने उसे जनवरी से घर में बंद करके रखा है।

किसी व्यक्ति को गैर-कानूनी तरीके से अभिरक्षा या गैर-कानूनी हिरासत में रखने के मामले में उक्त व्यक्ति को अदालत के समक्ष पेश करने के लिए बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की जाती है।

दिल्ली पुलिस के वकील ने अदालत को सूचित किया कि महिला और उसकी नाबालिग बेटी उत्तर प्रदेश में हैं। वकील ने कहा कि वह उन्हें यहां लाकर अदालत के समक्ष पेश करेगी।

अदालत ने कहा, ‘‘महिला और बेटी को अदालत में शुक्रवार को पेश करने का निर्देश दिया जाता है। (मामले को) 24 जून के लिए सूचीबद्ध किया जाए। ’’

भाषा सुरेश नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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