लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले 45 दिनों के दौरान देश के विभिन्न राज्यों से प्रदेश वापस पहुंचे लगभग पांच लाख श्रमिकों को स्थानीय स्तर पर रोजगार देने के लिये एक समिति बनाने के निर्देश दिए हैं.
मुख्यमंत्री ने यह निर्देश रविवार को अपने सरकारी आवास पर ‘टीम-11’ के साथ लॉकडाउन समीक्षा बैठक के दौरान दिए. कृषि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता में गठित यह पांच सदस्यीय समिति ‘एक जिला, एक उत्पाद योजना’ (ओडीओपी) के तहत रोजगार सृजन के साथ-साथ बैंक के माध्यम से ऋण मेले आयोजित करायेगी. इसके अलावा रोजगार मेलों का भी आयोजन किया जाएगा ताकि लोगों को अधिक से अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये जा सकें.
यह समिति रोजगार के ज्यादा अवसर पैदा करने के रास्तों को लेकर भी सुझाव देगी. समिति कुटीर, लघु एवं मंझोले उद्योगों समेत विभिन्न उद्योगों में रोजगार के अवसर पैदा करने की सम्भावनाएं भी तलाशेगी.
योगी ने कहा कि रोजगार के अधिक से अधिक अवसर सृजित करने के उद्देश्य से केन्द्र सरकार ने रिवॉल्विंग फंड में जो बढ़ोतरी की है, उससे महिला स्वयंसेवी समूहों को विभिन्न गतिविधियों जैसे सिलाई, अचार, मसाला बनाना इत्यादि के तहत रोजगार उपलब्ध कराया जाए. महिलाओं द्वारा निर्मित सामग्रियों की मार्केटिंग ओडीओपी के माध्यम से की जाए.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोनावायरस के कारण 25 मार्च से लागू लॉकडाउन के कारण ठेला, खोमचा, रेहड़ी आदि लगाने वालों, रिक्शा, ई रिक्शा चालक, पल्लेदार, रेलवे कुली, दिहाड़ी मजदूरों आदि के सामने रोजगार का संकट खड़ा हो गया है. राज्य सरकार इसके प्रति अत्यन्त संवेदनशील है और इन्हें हर सम्भव सहायता उपलब्ध कराने के प्रयास कर रही है.
बैठक के दौरान योगी ने प्रमुख सचिव-स्वास्थ्य को निर्देश दिया कि जिन क्षेत्रों में कोरोना वायरस संक्रमण के 10 से ज्यादा मामले हैं उन्हें अभी न खोला जाए. इमरजेंसी सेवाएं भी सिर्फ उन्हीं अस्पतालों में चालू की जाएं जहां पीपीई किट्स, एन-95 मास्क पर्याप्त मात्रा में मौजूद हों.