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Friday, 22 November, 2024
होमदेशताजमहल पर कीड़ों का हमला, धीरे-धीरे स्मारक को कर रहा हरा— ASI ने शुरू की स्टडी, 1 साल का वक्त लगेगा

ताजमहल पर कीड़ों का हमला, धीरे-धीरे स्मारक को कर रहा हरा— ASI ने शुरू की स्टडी, 1 साल का वक्त लगेगा

जिस यमुना के तट पर ताज बना है, उसके प्रदूषित पानी में पनपने वाला एक छोटा कीड़ा गोल्डी चिरॉनोमस 2015 से इस ऐतिहासिक इमारत को धीरे-धीरे हरा कर रहा है.

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आगरा: भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के अनुसार, ताजमहल को छोटे-छोटे से कीड़े से बड़ा खतरा है, जो अपने मल से इसके सफेद संगमरमर को हरा बना रहा है. बता दें कि ASI स्मारक के संरक्षण और रखरखाव के लिए जिम्मेदार है.

समस्या से लड़ने के लिए ASI ने इस महीने एक स्टडी शुरू की है, जिसे पूरा होने में एक साल तक का समय लग सकता है. इसमें कीड़ों की बढ़ोतरी को रोकने और ताजमहल की सुंदरता को संरक्षित करने के लिए दीर्घकालिक समाधान खोजने पर काम होगा. दिप्रिंट को इसकी जानकारी मिली है. 

आगरा में ASI के अधीक्षण पुरातत्वविद् राजकुमार पटेल ने सोमवार को दिप्रिंट को बताया कि कीड़ों की समस्या 2015 से लगातार बनी हुई है. हालांकि, 2020 में इसका प्रभाव काफी कम था क्योंकि लॉकडाउन के कारण प्रदूषण का स्तर कम था.

पटेल ने कहा कि इस साल तापमान में गिरावट के बावजूद कीट की संख्या काफी अधिक है और वे प्रजनन भी कर रहे हैं. पिछले साल अक्टूबर के अंत तक कीड़े गायब हो गए थे, जब तापमान कम होना शुरू हुआ था.

पटेल ने कहा, “इन कीड़ों के सक्रिय होने के लिए 28-35 डिग्री सेल्सियस के बीच का तापमान आदर्श माना जाता है, लेकिन इस साल आगरा में तापमान इससे काफी कम होने के बावजूद वे अभी भी मौजूद हैं.”

उन्होंने आगे कहा, “संभोग करते समय कीड़े पानी से दूर छोटी उड़ान भरना पसंद करते हैं और इसके चलते ताजमहल की उत्तरी दीवार सबसे अधिक प्रभावित होती है. लेकिन धीरे-धीरे ये कीड़े आसपास के इलाकों में भी फैल सकते हैं.”

Green stains on the walls of the Taj Mahal | Photo: Amir Qureshi | ThePrint
ताज महल की दीवारों पर हरे दाग | फोटो: आमिर कुरैशी | दिप्रिंट

जैसा कि दिप्रिंट ने पहले रिपोर्ट किया था, गोल्डी चिरॉनोमस नाम के कीट को पहली बार 2015 में देखा गया था, जो ताजमहल के संगमरमर और जड़ाई के काम पर गहरे भूरे और हरे रंग के धब्बे छोड़ गया था.

यह कीट यमुना नदी के प्रदूषित पानी में प्रजनन करता है, जिसके किनारे यह ऐतिहासिक स्मारक बनाया गया था.

ASI आसुत जल से धोकर और सूती कपड़े से रगड़कर दागों से छुटकारा पाने की कोशिश कर रहा है. हालांकि, ASI के अनुसार, यह कीट हर साल अपने प्रजनन के मौसम के दौरान – मार्च और अप्रैल और सितंबर और अक्टूबर के बीच – उत्तरी दीवार पर फिर से दिखाई देता रहता है.

दीर्घकालिक समाधान की जरूरत

पटेल के मुताबिक, ASI का रसायन विभाग ताजमहल की सतह पर इन कीड़ों की वृद्धि को रोकने के तरीकों पर विस्तृत स्टडी कर रहा है.

उन्होंने कहा कि स्टडी में एक साल या उससे अधिक समय लग सकता है, क्योंकि इसमें कीट के प्रजनन चक्र, इसके प्रसार के लिए आवश्यक परिस्थितियों को समझने के साथ-साथ कीट को स्मारक पर हमला करने से रोकने का तरीका निर्धारित करने की आवश्यकता होगी.

The chemical department of the ASI is conducting a study on stopping the growth of these insects on the Taj Mahal’s surface | Photo: Amir Qureshi | ThePrint
ASI का रासायनिक विभाग ताजमहल की सतह पर इन कीड़ों की वृद्धि को रोकने के लिए एक स्टडी कर रहा है | फोटो: आमिर कुरैशी | दिप्रिंट

पटेल ने कहा, “स्मारक के उन विशेष क्षेत्रों की पहचान की गई है जो इन कीड़ों से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं और सतह पर कीड़ों द्वारा छोड़े गए जंगली पदार्थ को सख्त होने से रोकने के लिए नियमित रूप से साफ किया जा रहा है.”

(संपादन: ऋषभ राज)

(इस ख़बर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


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