नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने रविवार को दावा किया कि कोविड-19 का इलाज करा रहे या ठीक हुए कुछ व्यक्तियों में हो रहे दुर्लभ म्यूकरमाइकोसिस यानी ‘ब्लैक फंगस’ संक्रमण के उपचार के लिए जरूरी ‘एम्फोटेरिसिन’ इंजेक्शन अचानक बाजार से गायब हो गये हैं.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लिखे पत्र में प्रदेश से राज्यसभा सांसद दिग्विजय ने कहा कि समाचार माध्यमों से ज्ञात हुआ है कि प्रदेश में कोविड के बाद ‘ब्लैक फंगस’ बीमारी तेजी से फैल रही है और अकेले भोपाल शहर में ही 70 से ज्यादा ‘ब्लैक फंगस’ के ज्ञात मरीज हैं जिनमें से 23 शासकीय हमीदिया अस्पताल में भर्ती हैं.
उन्होंने कहा कि प्रदेश के अनेक शहरों से ‘ब्लैक फंगस’ के मरीजों के अस्पताल में भर्ती होने की खबरें आ रही हैं.
दिग्विजय ने दावा किया, ‘इस बीमारी के उपचार के लिए आवश्यक एंटीफंगल इंजेक्शन एम्फोटेरिसिन अचानक बाजार से गायब हो गया है तथा मरीज के परिजन इसे लेने के लिए दवा की दुकानों पर भटक रहे हैं.’
उन्होंने लिखा, ‘जिस तरह से मध्य प्रदेश में कोविड के उपचार हेतु उपयोगी रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी हो रही है और नकली इंजेक्शन के धंधे में कई लोग शामिल पाये गये हैं, उससे आशंका उत्पन्न होती है कि कहीं एम्फोटेरिसिन इंजेक्शन की भी कालाबाजारी और नकली इंजेक्शन का कारोबार प्रारंभ न हो गया हो.’
दिग्विजय ने कहा, ‘मेरा आपसे (मुख्यमंत्री चौहान) अनुरोध है कि ‘ब्लैक फंगस’ के उपचार हेतु जरूरी इंजेक्शन एम्फोटेरिसिन की मरीजों के लिए अस्पतालों के माध्यम से आसानी से उपलब्धता सुनिश्चित करने एवं इसकी कालाबाजारी और नकली दवा के कारोबार को रोकने के लिए तत्काल सख्त कदम उठाने का कष्ट करें.’
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‘फंगल संक्रमण रोकने पर है ध्यान’
एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कहा कि कोरोनावायरस के मरीजों के इलाज के संबंध में सरकार का ध्यान ग्रामीण इलाकों में प्रशिक्षण, अस्पतालों में संक्रमण रोकने के लिए बेहतर तौर-तरीका लागू करने और फंगल संक्रमण की रोकथाम पर है.
ग्रामीण इलाकों में महामारी के प्रसार की खबरों के बीच उन्होंने कहा कि देश के हरेक हिस्से में कोविड प्रबंधन होना चाहिए.
गुलेरिया ने कहा, ‘सभी हिस्सों से खासकर ग्रामीण इलाकों से संपर्क बनाना चाहिए. स्वास्थ्य मंत्रालय और आखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने क्षेत्रीय स्तर पर राष्ट्रीय उत्कृष्टता संस्थानों के लिए ग्रामीण इलाकों में कोविड प्रबंधन को लेकर 30 अप्रैल से 13 मई तक एक कार्यक्रम चलाया. इस दौरान गृह-पृथकवास, उपचार-दवा, आईसीयू प्रबंधन, जांच, मधुमेह प्रबंधन पर वेबिनार आयोजित किए गए.’
उन्होंने देश के विभिन्न भागों में फंगल संक्रमण के बढ़ते मामलों पर आगाह करते हुए कहा कि यह बहुत महत्वपूर्ण है कि अस्पतालों को संक्रमण रोकने के लिए निर्देशों का पालन करना चाहिए.
गुलेरिया ने कहा, ‘ऐसा देखा गया है कि द्वितीयक संक्रमण चाहे फंगल से हो या बैक्टीरिया जनित, इससे ज्यादा मौतें हो रही है. म्यूकरमाइकोसिस से चेहरा, आंखों के घेरे या मस्तिष्क प्रभावित हो सकता है जिससे दृष्टि भी जा सकती है. यह (संक्रमण) फेफड़े तक पहुंच सकता है.’
उन्होंने कहा कि स्टेराइड के दुरुपयोग से भी इस तरह के संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं.
गुलेरिया ने कहा, ‘मधुमेह से ग्रस्त, कोविड-19 के रोगियों और स्टेराइड लेने वालों में फंगल संक्रमण की आशंका रहती है. इसे रोकने के लिए हमें स्टेराइड का दुरूपयोग रोकना चाहिए.’
उधर, केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने शनिवार को कहा कि म्यूकरमाइकोसिस या ब्लैक फंगस के कुछ मामले राज्य में आए हैं.
विजयन ने कहा, ‘महाराष्ट्र और गुजरात, केरल में भी ब्लैक फंगस के कुछ मामले आए हैं. राज्य चिकित्सा बोर्ड ने नमूने एकत्र किए हैं और आगे जांच की जा रही है.’
मुख्यमंत्री ने कहा कि तिरुवनंतपुरम मेडिकल कॉलेज का संक्रामक रोग विभाग भी घटनाक्रम पर नजर रखे हुए हैं.
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