नयी दिल्ली, 30 मई (भाषा) लेखक सूरज मिलिंद येंगडे ने अपनी नयी पुस्तक में 15 देशों में 10 वर्षों के ऐतिहासिक, नृवंशविज्ञान और अभिलेखीय शोध के आधार पर प्राचीन काल से लेकर वर्तमान तक जाति और नस्ल का तुलनात्मक अन्वेषण प्रस्तुत किया है।
पेंगुइन रैंडम हाउस इंडिया द्वारा प्रकाशित ‘कास्ट: ए ग्लोबल स्टोरी’ विभिन्न महाद्वीपों में दलितों के अनुभव की पड़ताल करती है तथा उन्नीसवीं सदी के कैरेबियाई क्षेत्र के गिरमिटिया मजदूरों से लेकर आज के मध्य पूर्व के प्रवासी श्रमिकों तक सशक्त संबंधों का पता लगाती है।
यह पुस्तक दुनिया भर में जातिगत पदानुक्रम को बनाए रखने में उपनिवेशवाद, धर्म और राष्ट्रवाद की भूमिका पर प्रकाश डालती है तथा भारत और अन्य स्थानों पर जाति-विरोधी आंदोलनों से सीखे जा सकने वाले सबक तलाशती है।
पुस्तक की प्रस्तावना में नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन ने कहा है, ”कास्ट: ए ग्लोबल स्टोरी’ दुनिया भर में व्याप्त कठोर असमानताओं की चुनौतियों को समझने और उनका सामना करने में एक उल्लेखनीय योगदान है। इस विशिष्ट कार्य के लिए हमें सूरज मिलिंद येंगडे के प्रति आभारी होना चाहिए।’
किताब की कीमत 899 रुपये है और यह 30 जून को बाजार में आएगी।
भाषा
शुभम नरेश
नरेश
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