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Saturday, 4 May, 2024
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दिल्ली में प्रदूषण बढ़ाने में उद्योग अहम कारण, वायु गुणवत्ता आयोग ने इन्हें PNG से चलाने का निर्देश दिया

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के भागों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए गठित आयोग ने एक बैठक के दौरान दिल्ली में संचालित होने वाले उद्योगों को पीएनजी पर ले जाने की प्रगति की समीक्षा की.

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नई दिल्ली: वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने मंगलवार को कहा कि दिल्ली एवं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के वायु प्रदूषण को बढ़ाने में योगदान देने वाले अहम कारकों में से औद्योगिक क्षेत्र एक है और राजधानी के तमाम उद्योगों को पाइप्ड प्राकृतिक गैस (पीएनजी) आधारित करने का निर्देश दिया.

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के भागों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए गठित आयोग ने एक बैठक के दौरान दिल्ली में संचालित होने वाले उद्योगों को पीएनजी पर ले जाने की प्रगति की समीक्षा की. इस बैठक में दिल्ली सरकार, जीएआईएल और इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (आईजीएल) के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया.

दिल्ली के पूर्व मुख्य सचिव एएम कुट्टी की अगुवाई वाले आयोग ने आईजीएल को निर्देश दिया कि 31 जनवरी 2021 तक उन सभी उद्योगों को पीएनजी की आपूर्ति सुनिश्चित करे जिनकी पहचान की गई है.

आयोग ने दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) को भी निर्देश दिया कि वह उन पहचान किए गए उद्योगों का निरीक्षण करें जो गैर स्वीकृत ईंधन का इस्तेमाल कर रहे हैं और ऐसे उद्योगों के खिलाफ कार्रवाई करें.

आयोग ने बताया, ” जीएआईएल और डीपीसीसी से सभी जरूरी सहायता उपलब्ध कराने को कहा है.”

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दिल्ली के 50 औद्योगिक इलाकों में करीब 1644 औद्योगिक इकाइयों की पहचान की गई है जिन्हें पीएनजी में तब्दील किया जाना है.

आयोग ने कहा कि बड़ी संख्या में उद्योग पीएनजी का इस्तेमाल कर रहे हैं, हालांकि आयोग ने पहचान किए गए सभी उद्योगों के पीएनजी का इस्तेमाल करने की जरूरत बताई है. आयोग का कहना है कि दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु प्रदूषण को बढ़ाने में योगदान देने वाले अहम कारकों में से एक औद्योगिक क्षेत्र है.

आईजीएल, डीपीसीसी और दिल्ली सरकार से कहा गया है कि वे औद्योगिक इकाइयों के साथ करीबी समन्वय से काम करें ताकि 31 जनवरी 2021 तक बुनियादी ढांचा और उद्योगों को पीएनजी में परिवर्तित करने का लक्ष्य पूरा हो जाए.

पर्यावरण मंत्रालय ने पांच नवंबर को दिल्ली एवं एनसीआर में वायु गुणवत्ता प्रबंधन पर 20 सदस्य आयोग गठित किया था और एक हफ्ते के अंदर-अंदर अध्यादेश जारी कर दिया था.

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