नई दिल्ली: देशभर में स्वच्छता के मामले में मध्यप्रदेश के इंदौर ने लगातार तीसरी बार बाजी मार ली है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी की मौजूदगी में विज्ञान भवन में इसकी घोषणा की गई. राष्ट्रपति ने इंदौरवासियों और जनप्रतिनिधियों को बधाई भी दी है.
इंदौर को सफाई के मामले में पांच हजार में से 4659 नंबर हासिल हुए है. स्वच्छता के सर्वेक्षण के लिए जनवरी में सर्वे के लिए दिल्ली से एक टीम भी इंदौर आई थी. टीम सप्ताहभर इंदौर में रुकी थी. यहां टीम ने दिन और रात सफाई व्यवस्था का जायजा लिया था. बता दें कि इंदौर 4237 शहरों में कराए गए सर्वेक्षण में नंबर एक आया है. सभी शहरों में यह सर्वेक्षण महज 28 दिनों में पूरा किया गया.
क्या बोले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद
इस मौके पर राष्ट्रपति ने कहा कि मुझे बताया गया है कि ‘स्वच्छ-सर्वेक्षण’ अपने ढंग का विश्व का सबसे बड़ा सर्वेक्षण है. इस सर्वेक्षण के द्वारा, 64 लाख नागरिकों की भागीदारी के जरिए लगभग 40 करोड़ की शहरी आबादी के लिए स्वच्छता संबंधी प्रयासों के विषय में उपयोगी जानकारी एकत्र की गई है.
अब तक हुए सभी चार सर्वेक्षणों में प्रथम पुरस्कार प्राप्त करके इंदौर शहर ने एक मिसाल कायम की है. स्वच्छता के काम को ज़मीन पर अंजाम देने वाले सभी स्वच्छताकर्मियों और स्वच्छाग्रहियों के योगदान के लिए, मैं उन सबको, पूरे राष्ट्र की ओर से धन्यवाद देता हूं.
राष्ट्रपति ने समारोह में कहा कि स्वच्छता को प्रभावी और स्थायी बनाने के लिए जरूरी है कि यह सभी नागरिकों की आदत, स्वभाव और व्यवहार का हिस्सा बने. बहुत से लोग व्यक्तिगत सफाई, अपने घर की सफाई पर बहुत ध्यान देते हैं, लेकिन सार्वजनिक सफाई के प्रति उदासीन रहते हैं. इस मानसिकता में बदलाव ज़रूरी है. स्वच्छता की जड़ों को मजबूत बनाने के लिए स्वच्छता की संस्कृति को नागरिकों के जीवन का अभिन्न अंग बनाना होगा. स्वच्छता को लेकर लोगों में गर्व की भावना होनी चाहिए. सभी विद्यालयों और उच्च-शिक्षण संस्थानों में स्वच्छता को पाठ्यक्रम का महत्वपूर्ण विषय बनाना चाहिए .
President Kovind presents Swachh Survekshan Awards 2019 in New Delhi; says the nation has paid the best tribute to Mahatma Gandhi by making cleanliness a mass movement pic.twitter.com/GAc4BK9WCL
— President of India (@rashtrapatibhvn) March 6, 2019
इन वजह से इंदौर रहा नबर वन
- घरों से कचरा उठाने और उसे खत्म करने को लेकर अत्याधुनिक तकनीक अपनाई गई.
- ऐसा पहला शहर जहां ट्रेंचिंग को पूरी तरह खत्म कर नए तरीके से कचरा खत्म किया गया.
- घरों और शहर के अन्य हिस्सों से कचरा के लिए कचरा गाड़ियों में जीपीएस लगाए गए.
- शहर में पहला डिस्पोजल फ्री मार्केट बनाया गया.
इसमें शहर के कई पारंपरिक बाजार शामिल है. इंदौर देश का पहला ऐसा शहर है जहां सौ प्रतिशत कचरे की प्रोसेसिंग और बिल्डिंग मटेरियल और निर्माण सामग्री का कलेक्शन और निपटान किया जाताा है. वही सफाई को बढ़ावा देने के लिए कई सेल्फी प्वाइंट का भी निर्माण किया गया.
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शहर के बीच में पड़ने वाले नाले में लोग कचरा नहीं फेंके इसलिए आसपास जालियां भी लगाई गई. शहर के फुटपाथ और रेलिंग पर पेटिंग की गई.
सबसे स्वच्छ राजधानी में भोपाल अव्वल
स्व्च्छता सर्वेक्षण 2019 में मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल को अव्वल आया है.इसके बाद 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले बड़े शहर में अहमदाबाद है. इसके बाद 3 से 10 लाख की आबादी वाली मध्यम श्रेणी वाले शहर में मप्र के उज्जैन ने नंबर वन हासिल किया है. वहीं तीन लाख से कम आबाबी वाले सबसे स्वच्छ छोटे शहर में एनडीएमसी दिल्ली ने नंबर मारा है. इसके अलावा स्वच्छ कैंटोनमेंट बोर्ड में दिल्ली कैंट ने स्थान मारा है. वहीं सबसे स्वच्छ गंगा टाउन में उत्तराखंड का गौचर रहा है.
इसके अलावा बेस्ट परफॉर्मिंग राज्यों में छत्तीसगढ़ आगे रहा जबकि झारखंड दूसरे पर और महाराष्ट्र तीसरे नंबर पर रहा.