इंदौर (मध्यप्रदेश), पांच जून (भाषा) ऊंची कीमत के चलते वैश्विक मांग में कमी का रुख बरकरार रहने के कारण भारत से मई के दौरान सोया खली का निर्यात करीब 13 प्रतिशत घटकर महज 40,000 टन पर सिमट गया। मई 2021 में देश से 46,000 टन सोया खली का निर्यात गया था।
प्रसंस्करणकर्ताओं के इंदौर स्थित संगठन सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) के एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी।
जानकारों ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय सोया खली के भाव अमेरिका, ब्राजील और अर्जेंटीना के इस उत्पाद के मुकाबले लम्बे समय से ऊंचे बने हुए हैं और भारतीय सोया खली की मांग में जारी गिरावट का सबसे बड़ा कारण यही है।
गौरतलब है कि अमेरिका, ब्राजील और अर्जेंटीना की गिनती दुनिया के सबसे बड़े सोयाबीन उत्पादकों के रूप में होती है।
प्रसंस्करण संयंत्रों में सोयाबीन का तेल निकाल लेने के बाद बचने वाले उत्पाद को सोया खली कहते हैं। यह उत्पाद प्रोटीन का बड़ा स्त्रोत है।
इससे सोया आटा और सोया बड़ी जैसे खाद्य पदार्थों के साथ पशु आहार तथा मुर्गियों का दाना भी तैयार किया जाता है।
भाषा हर्ष
संतोष
संतोष
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.