जोधपुर, 22 फरवरी (भाषा) राजस्थान के जोधपुर में आयोजित कशीदाकारी और सतह पर सजावट को समर्पित भारत की पहली प्रदर्शनी में देश और विदेश के 20 से अधिक कारीगरों की 60 कलाकृतियां प्रदर्शित की गई हैं।
यह प्रदर्शनी कारीगरों की शिल्पकला को उजागर करती है तथा उनके काम को एक मंच प्रदान करती है।
प्रदर्शनी में कशीदाकारी की विविध तकनीकों को प्रदर्शित किया गया है, जिसमें बिहार की खेता रजाई, पश्चिम बंगाल की कांथा, लखनऊ की चिकनकारी और गुजरात के कच्छ की जटिल शैलियां शामिल हैं। यह प्रदर्शनी शहरी पुनरुद्धार पहल जेडीएच के सहयोग से टैक्सटाइल डिजाइनर मयंक मान सिंह कौल द्वारा आयोजित की गई है।
तीन ऐतिहासिक स्थलों – अचल निवास, लक्ष्मी निवास और अनूप सिंहजी की हवेली – में आयोजित यह प्रदर्शनी सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के महत्व पर भी प्रकाश डालती है।
कौल ने कहा, ‘‘हमारा उद्देश्य कशीदाकारी को एक गतिशील और अभिव्यंजक कला के रूप में प्रदर्शित करना है। स्वतंत्रता के बाद, कशीदाकारी की शैली समकालीन वस्त्रों के एक परिभाषित तत्व के रूप में विकसित हुई है।’’
उन्होंने कहा कि परिधानों में इसकी पारंपरिक भूमिका के विपरीत, यह प्रदर्शनी हाथ से कढ़ाई व बुनाई समेत अन्य तकनीकों के माध्यम से कशीदाकारी की कलात्मक क्षमता पर प्रकाश डालती है।
प्रदर्शनी की निदेशक जूही पांडे ने कहा कि यह प्रदर्शनी कौशल और प्रौद्योगिकी का एक ऐसा संगम है जो कशीदाकारी में भारत की उत्कृष्टता को दर्शाता है।
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