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Sunday, 22 December, 2024
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चीन में बने सामानों के विरोध में आए 20 देशों में रहने वाले भारतीय, SJM जगा रहा है स्वदेशी अलख

आरएसएस के अनुषांगिक संगठन स्वदेशी जागरण मंच स्वदेशी वस्तुओं को अपनाने व उसे प्रयोग करने ​और चीनी वस्तुओं को बहिष्कार करने के लिए हस्ताक्षर अभियान छेड़ रखा है. अभी तक करीब 6 लाख लोगों के हस्ताक्षर हो चुके है.

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नई दिल्ली: गलवान घाटी में चीनी सेना द्वारा किए गए हमले के बाद से भारत में रोष का माहौल है.इसके बाद से देश में चीनी वस्तुओं के बहिष्कार करने का दौर शुरु हो गया है.

आरएसएस के अनुषांगिक संगठन स्वदेशी जागरण मंच (SJM) स्वदेशी वस्तुओं को अपनाने, उसे प्रयोग करने ​और चीनी वस्तुओं को बहिष्कार करने के लिए हस्ताक्षर अभियान छेड़ रखा है.

इसी कड़ी में एसजे मंच युवाओं को स्वेदशी एजुकेटर भी बना रही है जो स्कूलों और कॉलजों में बच्चों-युवाओं को स्वदेशी चीजें अपनाने के लिए जागरुक कर सकें.

स्वदेशी जागरण मंच के सह संयोजक अश्विनी महाजन ने दिप्रिंट से कहा, ‘स्वदेशी सामान अपनाने वाले इस अभियान से अभी तक 20 देशों के लोग जुड़ चुके हैं. इसमें अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी,जापान और नेपाल जैसे देशों में रहने वाले भारतीय लोग भी इससे जुड़ रहे है.’ अभी तक इस अभियान से करीब 6 लाख लोग जुड़ चुके हैं.

वहीं इसके पहले कन्फेडेरशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने चीनी वस्तुओं के बहिष्कार करने का निर्णय लिया है. कैट ने ‘भारतीय सामान-हमारा अभिमान’ नाम से अभियान की शुरूआत की है.भारतीय व्यापारी संघ ने चीन से आने वाले कॉस्मेटिक,बैग, खिलौने, फर्निटर, जूते-चप्पल सहित कई ऐसे करीब 500 सामानों की लिस्ट तैयार की है जो अब भारत नहीं लेगा और चीनी सामानों का बायकॉट भी करेगा.

स्वदेशी एजुकेटर बच्चों व युवाओं में जगाएंगे अलख

स्वदेशी जागरण मंच के सह संयोजक अश्विनी महाजन ने दिप्रिंट से कहा,’ इस अभियान के साथ हम ‘ज्वाइन स्वदेशी’ से हम लोग वालंटियर्स की टीम भी तैयार कर रहे है. इसमें युवा शामिल हो सकेंगे.

उन्होंने कहा, ‘स्वदेशी एजुकेटर बनकर स्कूलों और कॉलेजों में जाकर बच्चों-युवाओं और अलग अलग मंचों से लोगों से स्वदेशी को अपनाने के लिए बात करेंगे. वहीं उन्हें इसके फायदे समझाएंगे.’ उन्होंने कहा स्वदेशी एजुकेटर के लिए किसी विशेषता की जरूरत नहीं है, कोई भी अपनी स्वेच्छा से बन सकता है.’

महाजन ने आगे आगे कहा, ‘फिलहाल चीन के सामान का बहिष्कार करना और भविष्य में हमें आत्मनिर्भर होकर विदेशी सामान नहीं खरीदने के लिए जागरुक कर रहे है.’


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संगठन ने ये अभियान गूगल के माध्यम से चलाया है और बड़ी संख्या में लोग फॉर्म भरकर संकल्प कर रहे हैं.

हालांकि यह अभियान अभी कुछ दिनों तक जारी रहेगा. इसमें करीब 100 से अधिक अन्य संगठन भी सहयोग कर रहे है.

स्वदेशी जागरण के मंच के साथ में विश्व हिंदू परिषद् भी मैदान में उतर गई है.वीएचपी और उसकी युवाएं शाखाएं बजरंग दल और दुर्गा वाहिनी के कार्यकर्ता भी घर घर जाकर लोगों से स्वदेशी वस्तुएं अपनाने को लेकर लोगों को जागरुक कर रहे हैं.

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