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Sunday, 22 December, 2024
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टोक्यो ओलंपिक के फाइनल में गोल्ड से चूके रवि दहिया, रजत पदक जीता

इससे पहले दहिया कुश्ती में पुरुषों के 57 किग्रा भार वर्ग के सेमीफाइनल में कजाखस्तान के नूरइस्लाम सानायेव को ‘ पिन फॉल’ पर हराकर फाइनल में पहुंचने वाले दूसरे भारतीय पहलवान बने थे.

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नई दिल्ली: टोक्यों ओलंपिक 2021 के फाइनल मे भारतीय पहलवान रवि दहिया की गुरुवार को फइनल मैच में हार हो गई है. हालांकि उन्होंने रजत पदक जीत लिया है. कुमार को कुश्ती में पुरुषों के 57 किग्रा भार वर्ग के फाइनल में रूसी ओलंपिक समिति के जावुर युवुगेव ने हराया.

कुश्ती में भारत का यह दूसरा रजत पदक है. इससे पहले सुशील कुमार लंदन ओलंपिक 2012 के फाइनल में पहुंचे थे लेकिन उन्हें रजत पदक से ही संतोष करना पड़ा था.

युवुगेव ने अपने बेहतरीन रक्षण का नजारा पेश किया और अंकों के आधार पर यह मुकाबला 7-4 से जीता.

युवुगेव ने शुरुआती अंक बनाया लेकिन रवि ने जल्द ही स्कोर 2-2 कर दिया. रूसी खिलाड़ी ने फिर से बढ़त हासिल कर दी. रवि पहले राउंड के बाद 2-4 से पीछे थे. दूसरे राउंड में भी युवुगेव ने एक अंक बनाकर अपनी बढ़त मजबूत की. रवि दूसरे राउंड में भी दो अंक ही जुटा सके.

गौरतलब है कि दहिया का पिछला प्रदर्शन देखते हुए उन्हें गोल्ड का दावेदार माना जा रहा था.

तोक्यो खेलों में भारत ने अपना दूसरा रजत पदक हासिल किया. इससे पहले भारोत्तोलक मीराबाई चानू ने महिलाओं के 49 किग्रा भार वर्ग में दूसरा स्थान हासिल किया था.

भारत को कुश्ती में पदक दिलाने वाले पहले पहलवान खशाबा जाधव थे. उन्होंने हेलसिंकी ओलंपिक 1952 में कांस्य पदक जीता था. उसके बाद सुशील ने बीजिंग में कांस्य और लंदन में रजत पदक हासिल किया.

सुशील ओलंपिक में दो व्यक्तिगत स्पर्धा के पदक जीतने वाले अकेले भारतीय थे और अब बैडमिंटन खिलाड़ी पी वी सिंधू ने यहां कांस्य जीतकर इसकी बराबरी की.

लंदन ओलंपिक में योगेश्वर दत्त ने भी कांस्य पदक जीता था. वहीं साक्षी मलिक ने रियो ओलंपिक 2016 में कांसे का तमगा हासिल किया था.

निशानेबाज अभिनव बिंद्रा भारत की तरफ से ओलंपिक में व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने वाले एकमात्र खिलाड़ी थे. उन्होंने बीजिंग ओलंपिक 2008 में पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल में सोने का तमगा हासिल किया था.

सेमीफाइनल में कजाखस्तान के पहलवान को हराया था

इससे पहले दहिया कुश्ती में पुरुषों के 57 किग्रा भार वर्ग के सेमीफाइनल में कजाखस्तान के नूरइस्लाम सानायेव को ‘ पिन फॉल’ पर हराकर फाइनल में पहुंचने वाले दूसरे भारतीय पहलवान बने थे. उनके पास स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचने का मौका था.

हरियाणा के एक किसान के बेटे दहिया से पहले सुशील कुमार ओलंपिक कुश्ती के फाइनल में पहुंचने वाले अकेले भारतीय थे जिन्होंने 2012 लंदन ओलंपिक में रजत पदक जीता था.

चौथी वरीयता प्राप्त दहिया सेमीफाइनल में एक समय 2.9 से पीछे थे लेकिन उन्होंने वापसी करते हुए अपने विरोधी के दोनों पैरों पर हमला किया और उसे कसकर पकड़ लिया. इसके बाद उसे जमीन पर पटखनी देकर ‘पिन फॉल’ से मुकाबला जीत लिया. इसमें अगर कोई पहलवान विरोधी के दोनों कंधे जमीन पर लगा दे तो मैच वहीं खत्म हो जाता है.

दहिया ने इससे पहले दोनों मुकाबले तकनीकी दक्षता के आधार पर जीते थे. फाइनल में उनका सामना मौजूदा विश्व चैम्पियन रूस के जावुर युगुएव से हुआ.

दहिया ने जीत के बाद कहा था कि मैं उसे दो बार पहले भी हरा चुका हूं तो मुझे पता था कि पिछड़ने के बावजूद वापसी कर सकता हूं. यह करीबी मुकाबला था और मुझे बढ़त गंवानी नहीं चाहिये थी.

(भाषा और एएनआई के इनपुट्स के साथ)

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