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Sunday, 22 December, 2024
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अनलॉक-4 में रेलवे और स्पेशल ट्रेनें चला सकता है, अभी 230 गाड़ियां पटरी पर दौड़ रहीं

देश के विभिन्न शहरों के लिए रेल सेवा शुरू करने के लिए रेल मंत्रालय ने गृह मंत्रालय से स्पेशल ट्रेनें शुरू करने की अनुमति मांगी है. एक राज्य से दूसरे राज्य में चलाने के लिए राज्य सरकारों से की है बात.

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नई दिल्ली: अनलॉक-4 में मेट्रो के चलने की अनुमति मिलने के बाद अब भारतीय रेलवे जल्द ही और नई स्पेशल ट्रेनें शुरू कर सकता है. आगामी ​दशहरा और दीपावली को देखते हुए रेलवे मंत्रालय इसका ऐलान जल्द कर सकता है. फिलहाल रेलवे अभी 230 विशेष ट्रेनें चला रहा है. इनमें 30 राजधानी ट्रेनें शामिल हैं.

देश के विभिन्न शहरों के लिए रेल सेवा शुरू करने के लिए रेल मंत्रालय ने गृह मंत्रालय से स्पेशल ट्रेनें चलाने की अनुमति मांगी है. इसके अलावा एक राज्य से दूसरे राज्यों के बीच में चलाई जाने वाली इन ट्रेनों को लेकर राज्य सरकारों से भी अनुमति मांगी गई है. रेलवे जिन ट्रेनों को चलाने की तैयारी में है, उन्‍हें भी स्‍पेशल श्रेणी में ही रखा जाएगा.

रेल मंत्रालय के एक ​वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने के अनुरोध पर दिप्रिंट हिंदी से कहा, ‘रेलवे चरणबद्ध तरीके से रेल सेवाएं शुरू करने की बात पूर्व में ही कर चुका है लेकिन कोविड-19 के बढ़ते प्रकोप के चलते प्लान को टाल दिया गया था. आगामी त्यौहारों को देखते हुए कुछ नई स्पेशल ट्रेनें चलाई जा सकती हैं. ये कब से चलेगी अभी ये तय नहीं हुआ है. ट्रेनों की संख्या भी अभी तय नहीं हुई है.’

गौरतलब है कि, कोविड-19 के प्रकोप के देखते हुए देशभर में 22 मार्च से ट्रेनों का संचालन बंद है. रेलवे ने 12 मई से देश में कुछ स्पेशल ट्रेनें शुरू की थी. वहीं 1 जून से 100 जोड़ी ट्रेनें भी शुरू की गई थीं.


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1,78 करोड़ टिकट हुए रद्द

रेलवे ने कोरोनावायरस महामारी के कारण इस साल मार्च से 1.78 करोड़ से ज्यादा टिकट रद्द किए और 2727 करोड़ रुपये की रकम वापस की गई. इस दौरान 1,78,70,644 टिकट रद्द किए गए. रेलवे ने 25 मार्च से ही अपनी यात्री ट्रेन सेवाएं स्थगित कर दी थी. इस तरह, पहली बार रेलवे को टिकट बुकिंग से जितनी आमदनी हुई उससे ज्यादा रकम वापस की गयी.

राजस्व नुकसान की बात करें तो 2020-21 की पहली तिमाही में यात्री खंड में 1066 करोड़ रुपये राजस्व घट गया. पिछले साल 1 अप्रैल से 11 अगस्त के बीच रेलवे ने 3,660.08 करोड़ रुपये वापस किए थे और समान अवधि में 17,309.1 करोड़ रुपये का राजस्व आया. ऐसा पहली बार हुआ है कि जब रेलवे को टिकट बेचने से जितनी आय हुई है, उसने उससे ज्यादा रकम वापस किया है.

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट्स के साथ में)

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