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Saturday, 4 May, 2024
होमदेशकोविड-19 से जंग में आगे आए आनंद महिंद्रा, वेंटिलेटर बनाने में मदद समेत पूरी सैलरी देने का किया एलान

कोविड-19 से जंग में आगे आए आनंद महिंद्रा, वेंटिलेटर बनाने में मदद समेत पूरी सैलरी देने का किया एलान

फिल्म मेकर मनीष मुंद्रा भी देश की मदद के लिए आगे आए हैं और उन्होंने 3 करोड़ रुपए देने की घोषणा की है. उनका ध्येय 70 वेंटिलेटर बनाने का है.

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नई दिल्ली: कोरोनावायरस की स्थिति को देखते हुए उद्योगपति आनंद महिंद्ना देश की सहायता के लिए आगे आए हैं. वर्तमान स्थिति और भविष्य के संकट से जुड़े अपने एक ट्वीट थ्रेड में उन्होंने कहा कि भारत कोरोनावायरस महामारी के तीसरे स्टेज में आ सकता है. ऐसे में काफी सारे वेंटिलेटर और अस्पतालों की दरकार होगी.

उन्होंने लिखा है, ‘महामारी विशेषज्ञों की कई रिपोर्ट्स इस ओर इशारा करती हैं कि भारत (कोरोनावायरस) ट्रांसमिशन के तीसरे स्टेज में है. मामलों में बहुज ज़्यादा बढ़ोतरी हो सकती है और लाख़ों लोग शिकार हो सकते हैं.’ उन्होंने लिखा है कि इससे मेडिकल व्यवस्था पर काफ़ी असर पड़ेगा.

महिंद्रा ने सलाह दी है कि अगर आने वाले हफ्तों में लॉकडाउन होता है तो इससे मामलों में कमी आ सकती है जिससे मेडिकल व्यवस्था पर भार कम होगा. उन्होंने भरोसा दिलाया है कि इस भयावह स्थिति से निपटने के लिए महिंद्रा समूह तुरंत इस ओर कदम बढ़ाए कि उनके मैन्युफैक्चरिंग यूनिट का वेंटिलेटर बनाने में इस्तेमाल किया जा सके.

उन्होंने ये भी कहा है कि उनकी प्रोजेक्ट टीम सरकार और आर्मी की अस्थायी केयर फैसिलिटी बनाने में मदद करने को तैयार खड़ी है. उन्होंने कहा, ‘जिन्हें इससे सबसे ज़्यादा धक्का पहुंचा है उनकी मदद के लिए महिन्द्रा फाउंडेशन एक फंड बनाएगा.’ इससे छोटे व्यापार और अपने बूते व्यापार करने वालों की मदद की जाएगी.

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महिन्द्रा ने कहा है कि वो सहयोगियों से फंड में पैसे देने को कहेंगे. उन्होंने कहा है कि वो अपनी पूरी सैलरी इस काम में लगाएंगे और आने वाले महीनों में और पैसे देंगे. उन्होंने अन्य उद्योगपतियों से अपील की है कि वो भी उनकी मदद के लिए आगे आएं जिन्हें सबसे ज़्यादा धक्का पहुंचा है.

फिल्म मेकर मनीष मुंद्रा भी इस विपदा की घड़ी में देश की मदद के लिए आगे आए और उन्होंने 3 करोड़ रुपए दान में देने की घोषणा की है. दरअसल उनका ध्येय 70 वेंटिलेटर बनाने का है. उनका कहना है कि इसके लिए फंड तैयार है. उन्होंने ये भी बताया कि उनके मुताबिक मैसूर का स्कैनरे अच्छा वेटिंलेटर बनाता है.

उन्होंने लिखा है, ‘मैं उनसे (स्कैनरे) से संपर्क की कोशिश कर रहा हूं. किसी तरह की मदद स्वागतयोग्य है. इसमें मैं 3 करोड़ दे रहा हूं. ज़्यादा लोग जुड़ें तो अच्छा होगा.’ उन्होंने आगे लिखा है कि एक बार सप्लायर तय हो जाए तो अस्पताल की पहचान की जाएगी कि किन्हें वेंटिलेटर की दरकार है.

उन्होंने आगे लिखा है कि अस्पतालों की पहचान और आगे के काम में भी युद्धस्तर पर मदद की दरकार होगी. उन्होंने जिन छह शहरों में वेंटिलेटर पहुंचाने की सलाह दी है उनमें बेंगलुरु, कोच्चि, जयपुर, मुंबई, जोधपुर और देवघर शामिल हैं.

22 घंटे पहले किए गए उनके ट्वीट के मुताबिक तब तक वो आठ वेंटिलेटर के टार्गेट तक पहुंच पाए थे. इस काम में उन्होंने सबकी मदद मांगी है ताकि ज़रूरत के समय देश में वेंटिलेटर की कमी न हो.

भारत में कोविड-19 के मामले 343 पर पहुंचे

भारत में कोरोनावायरस के मामले बढ़कर रविवार को 343 पर पहुंच गए. देश के विभिन्न हिस्सों से नए मामले सामने आए हैं. इनमें बिहार में आए दो ताज़ा मामले भी शामिल हैं. महाराष्ट्र में कोरोनावायरस के सबसे अधिक 63 मामले हैं जिनमें तीन विदेशी भी शामिल हैं.

इसके बाद केरल में 52 मामले हैं जिनमें सात विदेशी नागरिक शामिल हैं. दिल्ली में 27 लोग संक्रमित पाए गए जिनमें एक विदेशी शामिल है जबकि उत्तर प्रदेश में एक विदेशी समेत 25 मामले सामने आए. तेलंगाना में 11 विदेशियों समेत संक्रमण के कुल 21 मामले सामने आए हैं जबकि राजस्थान में दो विदेशियों समेत 24 मामले मिले हैं.

हरियाणा में 17 मामले दर्ज किए गए जिनमें से 14 विदेशी हैं. कर्नाटक में 20 लोग विषाणु से संक्रमित पाए गए. पंजाब और लद्दाख में 13-13 लोग संक्रमित हैं. गुजरात में 14 मामले सामने आए जबकि तमिलनाडु में छह मामले दर्ज किए जिनमें दो विदेशी शामिल हैं. चंडीगढ़ में पांच लोग कोरोना वायरस की चपेट में आए.

मध्य प्रदेश, जम्मू कश्मीर और पश्चिम बंगाल में चार-चार लोग संक्रमित हैं. आंध्र प्रदेश और उत्तराखंड में तीन-तीन मामले सामने आए जबकि ओडिशा तथा हिमाचल प्रदेश में दो-दो मामले सामने आए. पुडुचेरी और छत्तीसगढ़ में एक-एक मामला सामने आया है.

राहत की बात ये है कि असम के जोरहाट में एक साढ़े चार साल की जो बच्ची पहले टेस्ट में कोरोना पॉज़िटिव पाई गई थी वो दूसरे टेस्ट में निगेटिव पाई गई है. बच्ची के बारे में ये जानकारी सामने आई थी कि वो अपनी मां और बहन के साथ बिहार से असम आई थी. ताज़ा जानकारी ये है कि उसे कोविड-19 नहीं है.

क्यों ज़रूरी है जनता कर्फ्यू, कैसे फ़ैलता है कोरोना

सोशल डिस्टेंसिंग यानी समाज में लोगों की एक-दूसरे से दूरी बनी रहे इसके लिए रविवार के दिन जनता फर्फ्यू का एलान किया गया जिसका लोग पालन कर रहे हैं. इसकी घोषणा पीएम नरेंद्र मोदी ने कोरोनावायरस महामारी से जुड़े देश के नाम अपने संबोधन में की थी.

दरअसल, कोरोनावायरस ड्राप्लेट्स छींकने और खांसने से फैल रहा है. ऐसा होता है कि अगर आपके आप-पास कोई छींक या खांस दे इससे निकलने वाले कणों से आपको कोविड- 19 हो सकता है. कोविड-19 कोरोना का वो नाम है जो इसे विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ ने दिया है.

कोरोना और इसके सामने आने के साल 2019 को मिलाकर कोविड-19 नाम लिया गया है. ये बीमारी पहले जानवर से इंसान में आई और अब बड़ी तेज़ी से इंसान से इंसानों में और अन्य माध्यमों से इंसानों में फैल रही है. अगर कोई व्यक्ति खांस या छींक देता है तो उसके ड्राप्लेट जहां गिरते हैं वहां 6 से 48 घंटों तक मौजूद रहते हैं.

अगर कोई भी इनके संपर्क में आ जाए तो उसे कोविड-19 हो सकता है. सबसे गंभीर बात ये है कि अभी तक इस बीमारी के पुख्ता इलाज या वैक्सीन के बारे में किसी देश को कुछ नहीं पता, ऐसे में सबसे अच्छा तरीका है कि इस बीमारी को फैलने से रोकना. इसे फैलने से रोकने का सबसे अच्छा तरीका है लोगों का घरों से नहीं निकलना.

चीन, ईरान और इटली जैसे देशों में जब ये बीमारी बहुत ज़्यादा फ़ैल गई तो वहां की सरकारों को देश के कई हिस्सों को पूरी तरह से बंद करना पड़ा. भारत में भी राजस्थान और पंजाब जैसे राज्यों ने ख़ुद को पूरी तरह से और यूपी के अलावा ओडिशा समेत कई अन्य राज्यों ने ख़ुद को आंशिक तौर पर बंद करने के कदम उठाए हैं.

ऐसे में पहले से जूझती देश की स्वास्थ्य व्यवस्था के बीच आप घर से ना सिर्फ रविवार को बल्कि आने वाले दिनों में भी तब तक मत निकलें जब तक या तो इस बीमारी के फैलने का क्रम टूटे या इसका इलाज मिल जाए. जब तक आपको कोई बहुत ज़रूरी काम ना हो, घर से ना निकलें.

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