नयी दिल्ली, 25 अप्रैल (भाषा) इस साल स्वारोवस्की फाउंडेशन के ‘क्रिएटिव्स फॉर अवर फ्यूचर प्रोग्राम’ के तहत चुने गए छह विजेताओं में मंगेश कुरुंद का नवोन्मेषी समाधान भी शामिल है जिसमें हरित शहरों के लिए जैव-एकीकृत आवरण या परत पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
विजेताओं में कुरुंद (29) ही एकमात्र भारतीय हैं। उन्हें न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में एक समारोह में 487 आवेदकों में से चुना गया।
इस कार्यक्रम का यह चौथा साल है और इसका संचालन ‘साझेदारी के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय’ के सहयोग से किया जा रहा है। इसमें 20,000 यूरो तक का अनुदान मिलता है।
कुरुंद की ‘जैव-क्लैडिंग’ प्रणाली में प्राकृतिक जल प्रबंधन प्रक्रियाओं की तर्ज पर शैवाल और काई पैदा करने के लिए उन हल्के टाइल का इस्तेमाल किया गया है जो जलाशयों के तल में होते हैं।
यह जीवित ‘क्लैडिंग’ या आवरण हवा को शुद्ध करता है, कार्बन को अलग करता है और शहरी गर्मी को कम करता है, जिससे स्वस्थ और हरित शहर बनते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मेरे वास्तुशिल्प के विचार हमेशा कृत्रिम और प्राकृतिक वातावरण के बीच की खाई को पाटने के इर्द-गिर्द घूमते रहे हैं ताकि परस्पर जुड़े हुए पूरक स्थान बनाए जा सकें। मैं उत्साहित और आभारी हूं कि ‘क्रिएटिव्स फॉर अवर फ्यूचर’ कार्यक्रम मुझे अपनी जैविक क्लैडिंग प्रणाली के प्रोटोटाइप विकसित करने का अवसर देगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जिस तरह पेड़ हवा को शुद्ध करते हैं और प्राकृतिक शीतलता प्रदान करते हैं, यह आवरण पेड़ की छाल की तरह काम करता है और इमारतों के लिए ठीक वैसा ही कारगर होता है।’’
स्वारोवस्की फाउंडेशन के निदेशक जाख्या रहमान-कोरी ने कहा, ‘‘हर साल, मैं इन युवा नवोन्मेषकों की उल्लेखनीय रचनात्मकता और दूरदर्शिता से प्रेरित होता हूं। उनके अभूतपूर्व समाधान वैश्विक चुनौतियों से निपटने में रचनात्मकता की परिवर्तनकारी शक्ति को प्रदर्शित करते हैं। ‘क्रिएटिव्स फॉर अवर फ्यूचर’ कार्यक्रम के माध्यम से, हम अगली पीढ़ी की प्रतिभाओं को पोषित करने, उन्हें उनके विचारों को प्रभावशाली समाधानों में बदलने के लिए आवश्यक उपकरण, शिक्षा और सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’
भाषा वैभव मनीषा
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