नई दिल्ली: केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत विकासशील देशों को जलवायु परिवर्तन से लड़ने में मदद करने के लिए विकसित देशों से जलवायु वित्त, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और क्षमता निर्माण के मामले में ‘कार्रवाई’ की मांग करेगा.
भूपेंद्र यादव का यह बयान जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (यूएनएफसीसीसी) में पार्टियों के सम्मेलन (सीओपी) के 27वें संस्करण से पहले आया है.
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने कहा, ‘सीओपी27 जलवायु वित्त, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और क्षमता निर्माण के मामले में कार्रवाई के लिए सीओपी होना चाहिए. यह हमारा समग्र दृष्टिकोण है. भारत इस बारे में स्पष्टीकरण मांगेगा कि जलवायु वित्त किसे कहा जा रहा है- चाहे वह अनुदान हो, ऋण हो या सब्सिडी हो. सार्वजनिक और निजी वित्त को अलग किया जाना चाहिए. इन मुद्दों को सम्मेलन में मजबूती से उठाया जाएगा.’
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और 100 से अधिक राष्ट्राध्यक्षों/शासनाध्यक्षों के सम्मेलन में भाग लेने की उम्मीद है, जो छह से 18 नवंबर तक मिस्र के शर्म अल-शेख में आयोजित किया जाएगा.
वहीं, अब तक स्पष्ट नहीं है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस सम्मेलन में हिस्सा लेंगे या नहीं.
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