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Monday, 14 October, 2024
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मोदी सरकार के स्कूल प्रदर्शन सूचकांक में शीर्ष पर केरल, महाराष्ट्र और पंजाब

केरल, पंजाब, चंडीगढ़, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान और आंध्र प्रदेश ने परफॉर्मेंस इंडेक्स रिपोर्ट 2020-21 में दूसरा लेवल प्राप्त किया है जो किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश द्वारा उच्चतम है.

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नई दिल्ली: गुरुवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक केरल, पंजाब, चंडीगढ़, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान और आंध्र प्रदेश स्कूली शिक्षा में प्रदर्शन के मामले में शीर्ष सात राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के रूप में उभरे हैं.

परफॉर्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स (पीजीआई) रिपोर्ट 2020-21 में राज्यों का प्रदर्शन बुनियादी ढाचें का निर्माण, सुविधाएं, शासन और सीखाने के परिणाम के आधार पर मापा गया है.

इसमें राज्यों को विभिन्न बैंड स्तरों पर वर्गीकृत किया गया था जिसमें 951-1000 स्कोर को लेवल 1 जबकि 550 के स्कोर को लेवल 10 में रखा गया था जोकि सबसे निम्न था.

केरल, महाराष्ट्र और पंजाब ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेश में सर्वाधिक स्कोर प्राप्त किया. इन राज्यों को 1000 में से 928 स्कोर प्राप्त हुआ जिसके कारण इन्हें पीजीआई में लेवल 2 प्राप्त हुआ.

केरल, पंजाब, चंडीगढ़, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान और आंध्र प्रदेश सहित कुल 7 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने 2017-18 के तुलना में 2020-21 में 901-950 स्कोर कर लेवल 2 मिला है.

2017-18 में पीजीआई पेश किए जाने के बाद से पिछले चार वर्षो में कोई भी राज्य अभी तक सूचकांक में लेवल 1 तक नहीं पहुंच पाया है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि पीजीआई का मुख्य उद्देश्य एक ऐसे वातावरण का निर्माण करना है जो हर एक राज्य और केन्द्रशासित प्रदेश को लगातार अपने प्रदर्शन में सुधार करने के लिए प्रेरित करेगा. रिपोर्ट के मुताबिक पिछले कुछ वर्षो के आंकड़ों को देखने से पता चलता है कि सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रदर्शन में सुधार हुआ है.


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स्कोर बता रहा है पीजीआई प्रणाली की प्रभावशीलता

रिपोर्ट में कहा गया है कि कुल 27 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने 2019-20 की तुलना में साल 2020-21 में अपने पीजीआई स्कोर में सुधार किया है.

राष्ट्रीय राजधानी ने 851-900 अंकों के बीच स्कोर करते हुए सूचकांक के लेवल 3 में जगह बनाई है. उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, हरियाणा और तमिलनाडु सहित ग्यारह अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को साल 2020-21 में लेवल 3 के रूप में वर्गीकृत किया गया था.

लेवल 2 और लेवल 6 पर सबसे अधिक राज्यों को रैंक किया गया था. केवल अरुणाचल प्रदेश को लेवल 7 मिला था. लेवल 8 या फिर उससे कम पर कोई भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश नहीं था.

रिपोर्ट में कहा गया है कि 2020-21 में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा प्राप्त पीजीआई स्कोर और ग्रेड, पीजीआई प्रणाली के प्रभाव की गवाही देता है. कई राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने अपने शासन और प्रबंधन से संबंधित मापदंडों में औसत सुधार के साथ साथ कई चीजों में पर्याप्त सुधार किए हैं.

पीजीआई संरचना में 70 संकेतको के लिए कुल 1,000 अंक शामिल किया गया है जिसे दो श्रेणियों में रखा गया है, परिणाम और शासन प्रबंधन. इन श्रेणियों को आगो पांच डोमेन में विभाजित किया गया है जिसमें सीखने के परिणाम (एलओ), एक्सेस (ए), आधारभूत संरचना और सुविधाएं (आईएफ), इक्विटी (ई) और शासन प्रक्रिया (जीपी) शामिल है.

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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